धनराज गवली, शाजापुर। मध्य प्रदेश में मतदान बहिष्कार का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में शाजापुर जिले के एक गांव में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों का कहना कि सेना के जवान की हत्या मामले में गांव के तीन युवकों को फंसाया गया है, इसलिए हमने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है। यही कारण रहा कि मंगलवार को करीब 3 घंटे तक बीएलओ और मतदान दल 2 बुजुर्ग और 1 दिव्यांग मतदाता को मतदान कराने के लिए मनाते रहे, लेकिन तीनों मतदाता नहीं माने। जिसके चलते मतदान दल को बिना मतदान कराए बेरंग लौटना पड़ा।

दरअसल, यह मामला ग्राम सेमली चाचा का है। देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है। जिसके पहले 80 प्लस और दिव्यांग मतदाताओं के मतदान के लिए मतदान दल घर-घर जा रहे हैं। 7 मई को बीएलओ और मतदानकर्मी बुजुर्ग और दिव्यांगों से मतदान कराने के लिए सेमली चाचा गांव पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। जानकारी के अनुसार, सेमली चाचा में लोंगबाई (85), दिव्यांग कैलाश बाई (45) और राजूबाई (90) के घर मतदान के लिए टीम पहुंची। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठे हो गए। उन्होंने बताया कि पूरे गांव ने मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया है, जिसके चलते ये तीनों भी वोट नहीं डालेंगे।

जिला प्रशासन ने पूरी कोशिश की, लेकिन उसके बाद भी ग्रामीण नहीं माने। 3 घंटे तक बीएलओ सहित निर्वाचन दल ने मतदान के लिए ग्रामीणों को समझाइश दी, लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान तहसीलदार पोलायकलां, नायब तहसीलदार सुंदरसी टप्पा, सुंदरसी थाना प्रभारी, बेरछा थाना प्रभारी सहित 10 से 12 पुलिसकर्मी और निर्वाचन दल के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

13 मई को भी नहीं करेंगे मतदान

ग्रामीणों ने बताया कि सेना के जवान की हत्या के मामले में पुलिस ने गांव के तीन युवकों को फंसाकर उन्हें आरोपी बना दिया। इस मामले में हम निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं, इसके लिए हमने सबसे पहले गांव में विरोध प्रदर्शन किया और उसके बाद जिला मुख्यालय पर कलेक्टर और एसपी को वेदन देकर बता चुके हैं कि जब तक जांच नहीं होगी, हम मतदान का बहिष्कार करेंगे। मतदान के बहिष्कार के चलते 7 मई को गांव की दो बुजुर्ग और एक दिव्यांग महिला मतदाता ने डाक मतपत्र के माध्यम से वोट नहीं दिया।

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