अमित शर्मा, श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में मेडिकल नशे के आदी एक युवक ने घर के भीतर गमछे का फंदा बनाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है। युवक सुबह से ही मेडिकल नशे के लिए परिजनों से रुपयों की मांग कर रहा था। परिजनों ने रुपये नहीं दिए जिसके बाद युवक ने जमकर हंगामा मचाया और अपनी मां के साथ भी मारपीट की। इसके बाद भी जब रुपये नहीं मिले तो वह फंदा बनाकर उस पर झूलने का प्रयास करने लगा। लेकिन मेडिकल की आड़ में नशे का कारोबार करने वाले कारोबारियों को न किसी की जान की परवाह है और न ही जिम्मेदारों को कोई फर्क पड़ रहा है।
मामला विजयपुर नगर थाना इलाके के वार्ड नंबर 2 मुस्लिम मोहल्ले का है। जहां अमन खान और उसका भाई आर्यन मेडिकल नशे के आदी हैं। यह रोजाना मेडिकल नशे के लिए परिजनों से रुपयों की मांग करते हैं, नहीं देने पर जमकर हंगामा और अपने मां बाप के साथ मारपीट तक कर देते हैं। मंगलवार को अमन ने रुपये के लिए घर पर हंगामा किया, रुपये नहीं मिले तो उसने अपनी मां के साथ मारपीट कर दी। जब मां ने रुपये नहीं दिए तो अमन ने घर के भीतर छत पर लगे लोहे के कुंदे से गमछा बांधकर उस पर लटकने का प्रयास करना शुरू कर दिया। बेबस मां रोने लगी और अमन को पकड़ कर नीचे उतारने की कोशिश करने लग गई। बाद में मजबूर होकर उसे अपने बेटे को मेडिकल नशे के लिए रुपये देने पड़े।
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह से यह नौजवान इस नई उम्र में कुछ कर गुजरने की बजाए नशे का आदी हो गया है। उसे न अपने भविष्य की चिंता है और नही अपने मां बाप की। सिर्फ मेडिकल नशा चाहिए, जिसके लिए वह कुछ भी कर सकता है। यह अकेले अमन और उसके भाई आर्यन की कहानी नहीं है बल्कि विजयपुर के कुछ घरों को छोड़कर घर-घर में नशे के आदी कई नौजवान मौजूद है, जो अमन की ही तरह रोजाना हंगामा करते हैं। मां बाप की पिटाई करते हैं, फिर भी बात नहीं बनती तो मरने के लिए उतारू हो जाते हैं।
अमन और आर्यन बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनके पिता नसीर खान पंचर की दुकान लगाकर दिन भर में 200-300 रुपये मुश्किलों से कमा पाते हैं। अमन और आर्यन का एक भाई आयन कपड़े की दुकान पर 3 हजार रुपए महीने में नौकरी करता है। दोनों की कमाई से इस महंगाई में गुजारा भी मुश्किल से हो पाता है। इन हालातों में दोनों के मेडिकल नशे के लिए इस परिवार को अपना पेट काटना पड़ता है। इसे लेकर वह बेहद तंग है लेकिन बेटों की जिंदगी की खातिर वह अपने पेट को काटकर उन्हें नशा उपलब्ध कराने को मजबूर हैं।
अब तक नहीं हुई कार्रवाई
लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में विजयपुर में खुलेआम चल रहे मेडिकल नशे के कारोबार का खुलासा 4 दिन पहले दिखाई गई खबर में किया था लेकिन जिम्मेदारों ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है। इससे उनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। अमन और आर्यन की मां और भाई का कहना है कि मेडिकल नशे के आदी होने की वजह से दोनों की जिंदगी बर्बाद हो गई है, उनकी इस लत की वजह से पूरा परिवार परेशान है। सुबह से नशे के लिए रुपये मांगते हैं, नहीं देने पर हंगामा और मारपीट करते, अब तो आत्महत्या का प्रयास भी करने लगे हैं। हमारी मांग है कि मेडिकल नशा पूरी तरह से बंद हो।
इंडियन एयर फोर्स जवान ने कहा- हमें जिम्मेदारी दे दे, नशे की छुट्टी कर देंगे
समाजसेवी कुलदीप कौशिक ने बताया कि मेडिकल नशे की वजह से विजयपुर की युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो रही है। घर-घर में नशे के आदी युवक भरे पड़े हैं। मेडिकल नशा खुलेआम उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। ड्यूटी से छुट्टी पर आए विजयपुर निवासी एयर फोर्स के जवान दुर्गेश गौड़ ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि अगर युवा ही नशे में डूब जाएंगे तो आने वाले समय में देश की सरहदों की सुरक्षा कौन करेगा। यह बेहद चिंता का विषय है, प्रशासन और पुलिस को इस पर सख्त एक्शन लेना चाहिए। अगर वह कुछ नहीं कर पा रहे तो हमें जिम्मेदारी दे दे, हम छुट्टी के दिनों में नशे की छुट्टी कर देंगे।
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