आरिफ कुरैशी, श्योपुर। मध्यप्रदेश के कूनों नेशनल पार्क में एक के बाद एक  लगातार हो रही चीतों की मौतों से आहत होकर पूर्व दस्यू रमेश सिंह सिकरवार ने चीता मित्र का पद छोड़ दिया है। वह कूनों नेशनल पार्क प्रबंधन के अधिकारियों की कार्यशैली से भी आहत हैं। उनका दांवा है कि वही नहीं बल्कि, 457 चीता मित्रों में से ज्यादातर ने यह जिम्मेदारी छोड़ दी है। 

MP Cheetah News: सड़ा मांस और भूख से हो रही चीतों की मौत, कूनो नेशनल पार्क के पूर्व ड्राइवर ने किया सनसनीखेज खुलासा 

चीता मित्र ने चीतों की मौत को लेकर खुलासा करते हुए कहा है कि, खराब इंतजाम और चीतों को सड़ा-गला माँस खिलाने से उनकी मौत हो रही है। स्थिति नहीं सुधारी गई तो एक-एक करके सभी चीतों की मौत हो जाएगी, ऐसा दावा पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार ने किया है। उनका आरोप है कि, कूनो नेशनल पार्क में चीतों की देखरेख करने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है। डॉक्टरों को चीतों के उपचार से ज्यादा दवाओं के फर्जी बिल लगाकर पैसे निकालने की चिंता ज्यादा है। 

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सिकरवार ने बताया कि चीतों को पंद्रह दिन से महीने भर तक फ्रिजों में भरकर रखकर रखे गए मीट को खिलाया जाता है, इससे उनकी मौत हो रही है। चीते 200-300 किलोमीटर दूर तक जंगल से वाहर निकल जाते हैं और इन्हें पता तक नहीं लगता, यह कोई इंतजाम हैं क्या ? जब मैं कूनों के अधिकारियों से इस बारे में कहता था तब रेंजर से लेकर डीएफओ तक सभी को बुरा लगता था, वह कहने लगते कि, मुखिया जी आपको क्या करना, इन सभी बातों से में आहत हुआ और मैनें चीता मित्र की जिम्मेदारी छोड़ दी। मैनें ही नहीं बल्कि, ज्यादातर लोगों ने यह जिम्मेदारी छोड़ दी है। 

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बता दें कि, पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार से पहले कूनो नेशनल पार्क में चीता ट्रैकिंग टीम की गाड़ी चलाने वाले एक ड्राइवर ने चीतों को सड़ा गला और फ्रिज में रखा हुआ महीनों पुराना मीट खिलाने के आरोप लगाए थे, उसने भी चीतों की मौत की वजह सड़ा गला मीट और जंगल में भूखा रहने से होना बताई थी, अब चीता मित्र के पद को छोड़ने वाले पूर्व दस्यु रमेश सिंह सिकरवार ने भी उसी तरह के आरोप कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों पर लगाए हैं, जिसे लेकर डीएफओ और रेंजर से लेकर अन्य अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।  

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