अमित शर्मा,श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में जलीय जीवों के संरक्षण के लिए संरक्षित की गई चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इससे जलीय जीवों पर भी खतरा मंडरा रहा है. गुरुवार की सुबह चंबल नदी में हो रहे अवैध उत्खनन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. माफिया खुलेआम ‘सिस्टम’ को चुनौती दे रहे, लेकिन क्या अधिकारी कार्रवाई करने से डर रहे हैं ?

जिसमें रेत माफिया एक सैकड़े से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी मशीने लगाकर बेखौफ नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. वायरल वीडियो जिले के बरोठा और काऊपूरा घाटों के बताए जा रहे हैं. वीडियो वायरल करने वाले ग्रामीण राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण विभाग के घाट प्रभारियों पर रिश्वत लेकर रेत का अवैध खनन कराने के लिए आरोप लगा रहे हैं.

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श्योपुर जिले में रेत की एक भी वैध खदान नहीं है. जिले की सीमा से होकर गुजर रही चंबल नदी जलीय जीवो के संरक्षण के लिए संरक्षित नदी है. जिससे किसी भी तरह का अवैध उत्खनन किया जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. लेकिन देखा जा रहा है कि नदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण विभाग के अधिकारी रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने की बजाय उन्हें रेत उत्खनन करने की खुली छूट दिए हुए हैं.

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जिस कारण दिनदहाड़े रेत माफिया चंबल से रेत का उत्खनन करने में जुटे हुए हैं. इन हालातों में नदी में जलीय जीव सुरक्षित नहीं है. खास बात यह है कि चंबल नदी से रेत के अवैध खनन की शिकायतें विभाग के आला अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन और पुलिस महकमे के अफसरों से भी समाजसेवियों ने कई बार किया है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी रेत माफिया पर अंकुश लगाने को तैयार नहीं है.

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