आरिफ कुरैशी, श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर में शुक्रवार की रात 8 बजे जनपद सीईओ की गाड़ी में दो संदिग्ध लोगों के घूमने की शिकायत मिलने पर विजयपुर थाना पुलिस ने जनपद सीईओ शैलेंद्र सिंह आदिवासी की गाड़ी को रोककर चेकिंग की। चेकिंग के दौरान गाड़ी में कोई हथियार तो पुलिस को नहीं मिला लेकिन, दो हट्टे-कट्टे लोग गाड़ी में बैठे मिले। इनमें से एक को सीईओ ने अपना ड्राइवर और दूसरे को अपना रिश्तेदार बताया। पुलिस ने पूछताछ के बाद उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नोट करके उन्हें छोड़ दिया।

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मामला विजयपुर नगर का है, जहां जनपद सीईओ शैलेंद्र सिंह आदिवासी और जनपद के अध्यक्ष व ज्यादातर सदस्यों के बीच पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। शुक्रवार से अध्यक्ष और सदस्यों ने सीईओ के खिलाफ मोर्चा खोल कर उनके खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इसी दौरान अध्यक्ष और सदस्यों ने शिकायत की कि सीईओ की गाड़ी में दो संदिग्ध लोग बाहर के है।

जो किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने के लिए यहां आए हैं। इस शिकायत पर विजयपुर थाना पुलिस ने सीईओ की गाड़ी को विजयपुर नगर में रोककर चेक किया और गाड़ी में बैठे मिले दोनों संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की। उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेकर पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है।

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इस बारे में विजयपुर जनपद पंचायत के अध्यक्ष बदन सिंह रावत का कहना है कि संदिग्ध लोगों को सीईओ अपनी गाड़ी में घुमा रहे हैं और कई लोगों को उन्होंने धमकाया भी है। इस तरह का आचरण एक जिम्मेदार अधिकारी के लिए ठीक नहीं है। उन्हें विजयपुर से हटाया जाए वह कई घोटाले भी कर रहे हैं।

वहीं सीईओ का कहना है कि उनकी गाड़ी में कोई बाउंसर या संदिग्ध व्यक्ति नहीं है। एक उनका ड्राइवर है, जिसे वह बचपन से जानते हैं, दूसरा उनका रिश्तेदार है। जनपद सदस्यों के पास क्या होता है धरना देने या इस तरह की बात करने की कोई अथॉरिटी नहीं होती।

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विजयपुर थाना टीआई मनोज झा का कहना है कि सीईओ की गाड़ी में दो संदिग्ध लोगों के घूमने और उनके द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की शिकायत मिली थी। इसी शिकायत पर गाड़ी को चेक किया गया। दोनों लोगों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिख लिए सीओ ने उन्हें अपना रिश्तेदार और ड्राइवर बताया है।

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