कपिल मिश्रा,शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला न्यायालय में स्वीपर, वाहन चालक और चपरासी के 20 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है. बेरोजगारी का आलम यह है कि एक पद के लिए 300 अभ्यर्थियों ने अपनी दावेदारी की है. भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बने अभ्यर्थियों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा तक शामिल है. हजारों युवक ऐसे भी हैं, जो देश सेवा करना चाहते हैं और उनका उद्देश्य आर्मी जॉइन करना है, लेकिन बेरोजगारी के चलते वह स्वीपर और चपरासी तक बनने को तैयार हैं. उनका कहना है कि पहले हाथ में जॉब आ जाएगी, तो वह अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रयास बड़ी आसानी से कर सकेंगे. वहीं कई लोग आर्थिक तंगी दूर करने की मंशा से यह नौकरी हासिल करना चाहते हैं.

इस भर्ती के लिए करीब 6 हज़ार बेरोजगार लाइन में लगे हैं. नौकरी की पात्रता 8 वीं पास है, लेकिन इंटर, स्टेनो, आईटीआई, पीजीडीसीए, बीए, बीएससी और स्नातकोत्तर भी लगे हैं. चूंकि भर्तियां कम हैं. इसलिए अभ्यर्थियों को भी उम्मीद नहीं है कि नौकरी मिल पाएगी. बावजूद साक्षात्कार कर लिए लाइन में खड़े हैं. महिलाएं भी बड़ी संख्या में इंटरव्यू देने के लिए आई हुई हैं.

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परीक्षा देने आए दानिश खान ने बताया कि उसने एमकॉम और आईटीटी स्टेनो पास हैं, उनके साथ यहां MBA सहित इंजीनियरिंग किए हुए युवा भर्ती देने आए है. उसका एक ही कारण है बेरोजगारी जो पूरे भारत में और खास तौर पर मध्यप्रदेश में व्याप्त है. जिसके चलते वह यहां भर्ती होने के लिए आये हैं.

चपरासी की नौकरी देने पहुंचे बंटी कुशवाह ने बताया कि वह BA, MA पास हैं. तीन साल से मध्यप्रदेश में कोई भर्ती नहीं निकली है. बेरोजगार बैठे रहने से अच्छा है कि चपरासी ही बन जाए. ओम कुमार माझी ने बताया कि वह ग्रेजुएट है और वह घर बैठे-बैठे ही ओवर ऐज हो रहा है. कई सालों से भर्ती नहीं निकली हैं.

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दिव्यांग प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि वह डीएड एवं बीएससी किए हुआ है. इसके बावजूद उन्हें अभी तक नौकरी नहीं मिल सकी है. इसी के चलते वह आज चपरासी की भर्ती देने पहुंचा है. वही साक्षात्कार देकर लौटे प्रतियोगियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी है. इसलिए हम लोग छोटी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने आए हैं, जहां उनसे झाड़ू पौछा सहित खाना बनाने जैसे सवाल किए जा रहे हैं.

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