अमित पाण्डेय,सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में आज बाणसागर की मुख्य नहर टूट गई है. जिस कारण चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. कुछ दूर आगे दबाव और ओवर फ्लो के चलते दूसरी जगह भी नहर टूट गई. हालात कुछ इस कदर बन गया कि चौतरफा पानी पानी और मलवा से पट गया. बाणसागर की मुख्य नहर से पानी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों तक भेजा जाता है. जिसके टूट जाने की वजह गांव के लोग सकते में आ गए. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाणसागर के अधिकारियों को मलवा हटाने और कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र के छोटा टिकट गांव में बाणसागर की मुख्य नहर टूट जाने की वजह से चारों तरफ पानी पानी हो गया. हालात कुछ इस कदर हो गए की पानी के तेज बहाव ने बाणसागर और दूसरी छोटी नहर को मलबे से पाट दिया है. जिसके चलते पानी का तेज दबाव होने की वजह से मवई गांव में छोटी नहर भी टूट गई. जिसके चपेट में आए एक गरीब परिवार का कच्चा मकान भी धराशाई हो गया. गांव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क भी बह गई है.

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हालांकि घटना की सूचना के बाद सीधी जिला प्रशासन ने दोनों नहरों के पानी की सप्लाई बाणसागर को डायबर्ट कर दिया है, लेकिन नहर में भरा पानी अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में बाणसागर परियोजना के अधिकारियों ने मुख्य नहर के पानी को डायवर्ट करने का काम किया है. मुख्य नहर के पानी को डायवर्ट करते समय जिस सिस्टम का उपयोग किया गया है, वह इतना कारगर नहीं है कि पानी को रोक सके, तभी तो टूटी हुई मुख्य नहर से पानी का रिसाव अब तक बंद नहीं हो सका है.

ग्रामीणों की माने तो विभाग के द्वारा नहर की मरम्मत कर मिट्टी डाली गई थी, लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते वह भी नहीं थम सकी है. मुख्य नहर टूटने की वजह से बने कैनाल में गुणवत्ता विहीन हुए निर्माण कार्य की पोल खोल दी है. नहर का पानी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश और बिहार तक भेजा जा रहा है, लेकिन नहर के गुणवत्ता में या रख रखाव में ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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एक पीड़ित परिवार ने बताया है कि पानी के तेज बहाव के चलते नहर टूटी है. नहर टूटने से जनहानि नहीं हुई है, लेकिन मकान क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके साथ ही मवेशी भी बह गए हैं. घर में खाना बनाने की जगह नहीं है. जिस वजह से सड़क पर हूं.

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इस मामले को लेकर सीधी कलेक्टर मुजीबुरर्हमान खान बताया है कि पानी के तेज बहाव को अब दूसरे तरीके से डायवर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही जो नुकसान हुआ है, उसका मुआयना करने मौके के लिए अधिकारी रवाना हो गए हैं. कलेक्टर ने बाणसागर नहर परियोजना के अधिकारियों को नहर से आए मलबे को हटाने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

बाणसागर नहर भ्रष्टाचार की वजह से टूट गई. अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बाणसागर परियोजना के अधिकारी कितने करोड़ों रुपए मलवा हटाने उपयोग करते हैं.

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