अमित पांडेय, सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक प्रधानाध्यापक दिव्यांग छात्र को अपने कंधे में बैठाकर स्कूल ले जाते हैं। पढ़िए शिक्षक की पहल से दिव्यांग छात्र के पूरे होते सपने की कहानी..

सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अगरियान टोला कंजवार। यह गांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मझौली विकासखंड में आता है। गरियान टोला कंजवार में बनी शासकीय प्राथमिक पाठशाला तक सड़क नहीं है। यहां बच्चों को खेत की मेड़ से जाना पड़ता है। बारिश के मौसम में बच्चों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।

वहीं सड़क नहीं होने से कक्षा-5वीं में अध्ययनरत छात्र कुशल कुमार मिश्रा दोनों पैर से दिव्यांग है। सूखे मौसम में वह ट्रायसायकल से स्कूल लो पहुंच जाता है, लेकिन बारिश के मौसम में वह ट्रायसकल से स्कूल तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में अक्सर परिजन उसे गोदी में लेकर स्कूल तक पहुंचाते हैं, लेकिन बीच-बीच में परिजनों की व्यवस्तता के कारण जब वह स्कूल जाने की स्थिति में नहीं रहता तो स्कूल के शिक्षक शैलेंद्र सिंह बालेंदु उसे कंधे में बैठाकर स्कूल तक ले जाते हैं।

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शिक्षक शैलेंद्र सिंह बालेंदु का कहना है कि कुशल कुमार पढ़ना चाहता है। स्कूल तक पहुंच मार्ग नहीं है। कुशल के अंदर पढ़ने की ललक है। वह पढ़ने में भी काफी होथियार है। इसलिए उसको मैं कंधे में बैठा कर लाता हूं। ताकि उसकी पढ़ाई में बाधा ना आए और वह अपने सपने को पूरा कर सके।

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