नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर लोकसभा में आरोप-प्रत्यारोप लगे हैं. सांसद सुनील सोनी ने सदन में PM आवास का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा है, देश के अंदर में गरीब लोगों को पक्का मकान मिले, जिनके पास कच्चे और खपरैल घर हैं, उनको पक्के मकान मिले, लेकिन छत्तीसगढ़ में अलग ही हो रहा है.
सांसद सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 2 साल से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं. यहां तक की छत्तीसगढ़ से 7 लाख 81 हजार आवास लौट गए हैं. इसके साथ लगभग 11 हजार करोड रुपए वापस केंद्र को लौट गया. केंद्र सरकार के तीन नोटिस के बाद भी हमारे यहां के मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘जो प्रधानमंत्री शब्द जुड़ा है, आवास योजना में इस कारण हम उसनें अपना अंश नहीं देंगे.
सांसद सोनी ने कहा कि मेरी सरकार से आग्रह है कि वह हस्तक्षेप करके छत्तीसगढ़ के अंदर में उन गरीब भाई-बहनों को न्याय दिलाएं, जिससे नया घर मिले. उनके मकान बने. वहां के लोगों की जो मन में चाहे है, वह पूरी हो. यही मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं. वहां प्रधानमंत्री आवास घरों को स्वीकृत करें.
वहीं सांसद दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि 2020, 2021-22 की राशि केंद्र सरकार ने नहीं दी है. छत्तीसगढ़ की सरकार केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रही है, इसके बावजूद केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पीएम आवास का पैसा नहीं दे रही. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की 60% की राशि दे दे, केंद्र सरकार के द्वारा तत्काल प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि राज सरकार को दे, ताकि छत्तीसगढ़ के गरीब और बस्तर के गरीब लोगों को घर मिल सके.
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