रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि केंद्र सरकार के सामने बीजेपी सांसदों का मुंह नहीं खुलता. इस बयान को लेकर भाजपा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की. बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने बयान पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय योजनाओं से जुड़े मद में राज्य सरकार भ्रष्टाचार कर रही है. हम केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में केंद्र के पैसे की जमीन पर खर्च होने की चौकीदारी करेंगे.

सुनील सोनी ने कहा कि हद हो गई है कि मुख्यमंत्री अब बीजेपी सांसदों पर आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी सांसद दिल्ली में कुछ नहीं कहते. मिथ्या आरोप लगाया जा रहा है. 2009 से 2014 तक राज्य को कर के रूप में 31 हज़ार करोड़ मिलता था. यानी हर साल छह हजार 344 करोड़ रुपए. भूपेश सरकार बनने के बाद से करीब 53 हजार करोड़ रुपए मिला है. यानी प्रति वर्ष लगभग 17 हजार करोड़ रुपए. राज्य सरकार का आरोप गलत है.

सोनी ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी का 13 हजार करोड़ नहीं देने का आरोप मुख्यमंत्री ने लगाया है, लेकिन किस मद में पैसा नहीं मिला सरकार ये बताए. अभी केंद्र सरकार ने एक योजना लाया, जिसमें एक लाख करोड़ रुपए रखा गया है. राज्य सरकार चाहे तो बग़ैर ब्याज के लोन ले सकती है. इस राशि को पचास साल में चुकाना है फिर सरकार ग़रीबों को प्रधानमंत्री आवास क्यों नहीं दिया जा रहा. राज्य सरकार बताए कि 52 हज़ार करोड़ रुपए का लोन लिया उस लोन का क्या किया?

भाजपा सांसद ने कहा कि निकायों में सेलरी बाँटने तक के पैसे नहीं है. पंचायतों का विक्स ठप्प है. राज्य का विकास सरकार ने रोक दिया है. मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछना चाहता हूँ कि तीन सालों में कभी भी बीजेपी सांसदों को बुलाया. लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के एक भी सांसद ने इन मुद्दों को उठाया? क्या वे गूँगे बहरे सांसद हैं. देश के अंदर सभी राज्यों में एकसमान व्यवहार के साथ प्रधानमंत्री देश को चला रहे हैं. मुख्यमंत्री जो भ्रामक पत्र लिखते हैं उसका असर दूसरे राज्यों में ना हो. दूसरे राज्यों की मति भी ना मारी जाए.

सुनील सोनी ने कहा कि शर्म आती है हमें कि प्रदेश के मुद्दों पर लोकसभा में प्रश्न पूछने पर. जल जीवन मिशन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने टेंडर जारी किया और भ्रष्टाचार के आरोप के बाद टेंडर रद्द किया गया. विपक्षी दलों वाले दूसरे राज्य केंद्र से माँग करते हैं कि प्रधानमंत्री आवास और दिए जाए लेकिन छत्तीसगढ़ में सरकार आवास योजना के 11 हज़ार करोड़ रुपए लौटा रही है. सांसदों पर आरोप लगाने के पहले तथ्यात्मक आरोप सामने रखें. हम सरकार के झूठ का हिस्सा नहीं बनना चाहते. केंद्र से हम आग्रह करते हैं कि राज्य के मसलों पर हस्तक्षेप करें. हम केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में केंद्र के पैसे की ज़मीन पर खर्च होने की चौकीदारी करेंगे. मुख्यमंत्री ये बताएँ कि कौन सी राशि केंद्र में अटकी हुई है. मैं खुद लोकसभा में प्रश्न लगाऊँगा.