शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है। छिंदवाड़ा में चुनाव शराब खर्च के मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। साथ ही निर्वाचन आयोग ने यह माना है कि शराब वाला यह आदेश गलती से जारी हुआ था।

दरअसल, छिंदवाड़ा में प्रत्याशियों को देसी, विदेशी शराब की रेट लिस्ट बकायदा जिला प्रशासन ने चुनाव खर्चे की मार्गदर्शिका के साथ सौंपी थी। जिसके मुताबिक शराब का खर्च उनके चुनाव के खर्चे में जोड़ा जाएगा। अधिकारियों द्वारा 883 शराब के ब्रांड की 30 पन्नों की लिस्ट प्रत्याशियों को सौंपी गई थी। इसमें ब्रांड का नाम, कंपनी का नाम और उसकी कीमत सब कुछ दिखाया गया था। लल्लूराम ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने कहा कि शराब बांटने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, जो जानकारी दी गई थी वो अपराध घटित होने के लिए दी गई थी। अगर होता है तो ऐसा होगा। स्थानीय स्तर पर इसकी जानकारी प्रत्याशी को दी गई है। ऐसा कोई कानून नहीं है, जहां शराब बांटी जाए।

कांग्रेस ने की थी शिकायत

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को शिकायत करते हुए छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयढिया पर कार्रवाई करने की मांग की थी। मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में मांग करते हुए कहा कि अधिकारी पर कार्रवाई के साथ ही इस आदेश को तुरंत निरस्त करना चाहिए, क्योंकि यह नैतिकता के साथ-साथ संवैधानिक रूप से भी गलत है।

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