अनिल सक्सेना, रायसेन। आपने अबतक कई अलग-अलग तरीके के भ्रष्टाचार के मामले सुने होंगे, लेकिन मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से ऐसा हेराफेरी का मामला सामने आया है…जिसे आपने अबतक नहीं सुना होगा. मामला रायसेन नगर पालिका का है. जहां जब भी मंत्री जी या अन्य माननीयों का नगर आगमन होता है, तो आगमन के साथ नगर पालिका को लाखों रुपए का चूना लग जाता है.

दरअसल, यहां नगर पालिका परिषद ने अतिथियों के आगमन पर सड़क के दोनों ओर चूना डालने के लिए 10 अक्टूबर 22 से 21 मार्च 23 तक 12000 किलो चूना खरीदा, जिसका 1 लाख 31 हजार का भुगतान किया गया. ये वहीं नगर पालिका है जो कहती है…मंत्री जी !! नगर पालिका की वित्तीय स्थिति खराब है. कर्मचारियों को बांटने के लिए पैसा नहीं है. 4 महीने का वेतन नहीं मिला.

आलम यह है कि विकास कार्य बंद पड़े हैं. बिजली बिल बकाया है. परिषद भवन की पुताई हो नहीं पा रही. तब आपके आगमन पर खरीदे गए चूने से अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि वैधानिक रूप से चूना लगा रहे हैं.

3 दिन में 60 हजार का चूना

यदि आप वर्चुअल रूप से उद्घाटन, बैठक करें तो लाखों रुपए का चूना लगने से नगर पालिका परिषद बच सकती है. परिषद ने उत्सव ट्रेडर्स रायसेन से 13 फरवरी 23 को 20 हजार का, 16 फरवरी 23 को 40 हजार का चूना खरीदा. सिर्फ तीन दिन में ही परिषद को 60 हजार का चूना लग गया, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने सवाल नहीं उठाया.

नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल

प्रभात चावला नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष प्रभात चावला का कहना है कि नगर पालिका की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, उसके बाद भी बेवजह की चीजों को खरीदा जा रहा है, उस पर रोक लगे. हाल ही में सात दिन में ढ़ाई लाख रुपए का चूना शहर में सड़कों पर डाला गया. जो संभव नहीं है.

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