कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मप्र के ग्वालियर (Gwalior) शहर में संचालित मैरिज गार्डनों (Marriage Gardens) के खिलाफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (Town and Country Planning ) का बड़ा एक्शन देखने को मिला है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने शहर में संचालित 132 मैरिज गार्डनों को नोटिस दिया है। यह सभी वह मैरिज गार्डन है जिनका न डायवर्सन था न ही मंजूरी थी, यह सभी शॉप एक्ट पर संचालित हो रहे थे। टी एंड सीपी ने पाया कि यह सभी अवैध रूप से चल रहे थे। नोटिस के जरिये सभी मैरिज गार्डन संचालकों 15 से 30 दिन का समय दिया गया हैं। जिसके बाद इन सभी के खिलाफ अतिक्रमण मुहिम (encroachment campaign) चलाई जाएगी।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने इन सभी 132 गार्डनों से अतिक्रमण हटाने और उन्हें नियमानुसार अनुमति लेने के लिए नोटिस जारी किए है। शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस कार्रवाई के चलते उन लोगो की भी परेशानी भी बढ़ गयी है जिन्होंने इन गार्डनों में शादी या अन्य प्रोग्राम की बुकिंग करा रखी है। जानकारी के अनुसार लगभग 5 हजार से ज्यादा शादियों की बुकिंग इन गार्डनों में हुई हैं।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के सहायक संचालक केके कुशवाह का कहना है कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित हो रहे करीब 132 मैरिज गार्डनों को नोटिस दिए गए हैं और उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है। ऐसे में अगर वह मैरिज गार्डन के नियमों की अनदेखी करते पाए गए तो फिर उन्हें तोड़ने की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, अभी हाल ही में बोर्ड परीक्षाएं संपन्न हुई है ऐसे में कॉलोनी मोहल्ला में कई ऐसे अवैध मैरिज गार्डन (illegal marriage garden) संचालित हो रहे हैं जो देर रात तक डीजे (DJ) का शोर कर लोगों की परेशानी खड़ी कर रहे थे और ना ही उनके पास रिक्वायरमेंट के हिसाब से 10000 वर्गमीटर का एरिया है।
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वहीं आपात स्थिति से निपटने के संसाधन भी इनके पास नहीं है कई मैरिज गार्डन तो ऐसे ही भी है जहां सीसीटीवी तक नहीं है। ऐसे अवैध गार्डन के खिलाफ लगातार प्रशासन को शिकायतें मिल रही थी जिसके तहत अब प्रशासन इन गार्डनों पर नकेल कसने की तैयारी में है। नगर निगम को ऐसे 132 अवैध मैरिज गार्डन चिन्हित कर सूची दी गई हैं जिन्हें 15 से 30 दिन का नोटिस दिया गया है। यह सभी मैरिज संचालक समय सीमा में अपना पक्ष रखेंगे और अगर यह प्रशासन की रिक्वायरमेंट पूरी नहीं कर पाते तो उन पर कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है।
गौरतलब है कि शहर में संचालित मैरिज गार्डनों पर प्रशासन की सख्ती बीते साल में देखने को मिली थी उस दौरान गार्डन संचालकों ने निगम को ही गुमराह करते हुए शॉप एक्ट का रजिस्ट्रेशन करा लिया, जिस पर गार्डन नहीं चलाया जा सकता। इसके साथ ही मैरिज गार्डन के लिए संबंधित जमीन का उपयोग कृषि या आवासीय नहीं होना चाहिए, उसका डायवर्सन जरूर होता है लेकिन शहर में संचालित अधिकांश मैरिज गार्डन बिना डायवर्सन के ही चल रहे हैं इससे शासन को राजस्व की क्षति हो रही है।
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