प्रदीप मालवीय,उज्जैन। 15 करोड़ GPF ( जनरल प्रोविडेंट फंड) घोटाले मामले की आरोपी उज्जैन केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे (Former Jail Superintendent Usha Raje) को पुलिस बंगले पर सरकारी पिस्टल जब्त करने के लिए लाने वाली थी। पहले तो उषा राजे ने सरकारी पिस्टल जब्ती की कार्रवाई के लिए लिखित में सहमति दी। लेकिन जब पुलिस उसे लाने के लिए तैयारी कर रही थी तब उषा राजे ने आने के लिए स्पष्ट तौर पर मना कर दिया। इस पर भैरवगढ़ पुलिस ने कार्रवाई पर सहायक जेलर सुरेश गोयल के हस्ताक्षर कराए।
सूत्रों की माने तो मौके पर मौजूद मीडिया से डरकर उषा राजे ने बंगले आने से मना किया है। उषा के मुकर जाने और कार्रवाई में सहयोग न करने पर भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक और चिमनगंज मंडी थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर उषा राजे के सरकारी बंगले पर पहुंचे और मौके पर सहायक जेलर सुरेश गोयल को बुलाकर कार्रवाई के संबंध में उनसे आवश्यक दस्तावेज पर हस्ताक्षर लिए । भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने आरोपी जगदीश परमार और जेल प्रहरी देवेंद्र सिंह चौहान पर वसूली को लेकर दर्ज हुए प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एफआईआर की गई है। इस मामले में जेल प्रहरी की तलाश की जा रही है। यदि 48 घंटे में जेल प्रहरी देवेंद्र चौहान मुख्यालय पर उपस्थित नहीं होता है तो उसके निलंबन के आदेश भी जारी किए जाएंगे।
बता दें कि सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में हुए करोड़ों रुपए के GPF( जनरल प्रोविडेंट फंड) गबन मामले में गिरफ्तार जेल की पूर्व अधीक्षक उषा को गिरफ्तार किया गया है। उसके अलावा वेतन शाखा का बाबू प्रहरी रिपुदमन और कथित पत्रकार जगदीश परमार भी पुलिस रिमांड पर है। तीनों को पुलिस कई बार आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर चुकी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में रोज नए-नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब तक 67 खातों की पहचान हुई है, जिनमें से 13.54 लाख रुपए का निकाले गए है। वही एक और गिरफ्तार आरोपी प्रहरी रिपुदमन की पत्नी को भी पुलिस ने उत्तरप्रदेश से तलब किया है।
गौरतलब है कि उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 15 करोड़ का पीएफ घोटाला हुआ है। जेल के कर्मचारियों को पता भी नहीं चला और उनके खाते से 15 करोड़ की जीपीएफ राशि जेल प्रहरी रिपुदमन और उसके सहयोगियों ने निकाल ली। इस मामले में उज्जैन के भैरव थाने में विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया। इसके बाद जेल प्रहरी रिपुदमन शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी के खिलाफ दस-दस हजार का इनाम घोषित किया गया। जिसके बाद रिपुदमन को बनारस से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद जब उससे कड़ी पूछताछ की गई तो पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज का नाम भी सामने आया। जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
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