अजय नीमा, उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के भेरूगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पिपलिया टाह में बीते दिनों हुए हत्या के एक मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मामले के आरोपी बहादुर सिंह के परिजनों ने उन पर लगे आरोपों को सिरे से नकारते हुए उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि शंकर की हत्या बहादुर सिंह ने नहीं बल्कि उसके साथियों ने ही की है। आरोपी के परिवारजनों ने मामले में एसपी को आवेदन और सीसीटीवी फुटेज देकर निष्पक्ष जांच कर बहादुर को बरी करने की मांग की है।

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जानिए क्या है पूरा मामला

यह मामला जिले की घट्टिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव पिपलिया टाह जिले के भेरवगढ़ थाना क्षेत्र का है। जहां रहने वाले दलित किसान शंकर का गांव के ही कुछ लोगों से जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। जानकारी अनुसार मृतक शंकर को प्रशासनिक अमले ने जमीन पर कब्जा दिलाया और मृतक उस पर खेती करने लगा था। बीते 14 अगस्त की दोपहर बहादुर और उसके 10 से 12 साथी जिसमें महिलाएं भी शामील थी पटवारी, तहसीलदार को लेकर मौके पर पहुंचे और कहा ये जमीन हमारी है। जिस पर शासकीय अधिकारियों ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने शंकर की जमीन होना बताई और शासकीय अधिकारी जांच करके निकल गए। प्रशासनिक अधिकारियों के जाने के बाद दोबारा विवाद जन्मा, जिसमें शंकर की हत्या करने का गंभीर आरोप बहादुर सिंह पर लगा है।

परिजनों ने आरोपों को बताया निराधार

आरोपी बहादुर के परीजनों के मुताबिक, खेत में विवाद के बाद अंतर सिंह, करण सिंह और मेहबूब खान मृतक शंकर को खोरिया स्थित एक निजी अस्पताल ले गए थे। आरोपी बहादुर के परिजनों का आरोप है कि मृतक अस्पताल से सही सलामत बाहर आया था जिसके बाद उसकी हत्या की खबर सामने आयी। बहादुर के परिजनों ने मृतक शंकर के साथी अंतर सिंह आंजना, करण सिंह आंजना और महबूब खान पर हत्या का आरोप लगाया है। वही इस पूरे मामले को लेकर आरोपी के परिजनों ने एसपी को आवेदन और सीसीटीवी फुटेज सौंपते हुए निष्पक्ष जांच कर आरोपी बनाये बहादुर को बरी करने की मांग की है।

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