अजय नीमा, उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में आंधी-तूफान में गिरी ‘महाकाल लोक’ (Mahakal Lok) की मूर्तियां फिर से स्थापित की जाएगी। महाकाल लोक की सभी मूर्तियों की सुदृढ़ता सुनिश्चित की जाएगी। जिले के प्रभारी और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Dewda) ने महाकाल लोक का भ्रमण किया और सप्तऋषि मण्डल के मूर्तिस्थल का निरीक्षण किया।
दरअसल, 28 मई रविवार को उज्जैन में तेज आंधी-तूफान चलने से महाकाल लोक की मूर्तियां गिर गई थी। वहीं सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिर गया था। जिसके बाद प्रभारी मत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं है। गत दिवस आये आंधी-तूफान में 50-50 साल पुराने वृक्ष उखड़कर गिर गये। महाकाल लोक में स्थापित किये गये सप्तऋषि मण्डल की मूर्तियां गिर गई, जबकि अन्य मूर्तियां इससे प्रभावित नहीं हुई।
जगदीश देवड़ा ने कहा कि आंधी-तूफान में गिरी मूर्तियां आगामी शीघ्र पुन: स्थापित कर दी जाएगी और अन्य मूर्तियों की तकनीकी जांच कर उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंधी-तूफान पर किसी का बस नहीं है, प्राकृतिक आपदा पर अनर्गल आरोप लगाकर किसी को राजनीति नहीं करना चाहिए। दरअसल, 28 मई रविवार को उज्जैन में तेज आंधी-तूफान चलने से महाकाल लोक की मूर्तियां गिर गई थी। वहीं सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिर गया था।
बता दें कि 11 अक्टूबर 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga Mandir) के नए दर्शन परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। रक्षा सूत्र से बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिमा से मोदी ने रिमोट से आवरण हटाकर ‘महाकाल लोक’ को देश को समर्पित किया था। इसके बाद पीएम मोदी ने ‘महाकाल लोक’ का भ्रमण भी किया था।
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