शब्बीर अहमद, भोपाल। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) और प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) को लेकर दिए विवादित बयान पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्दों को सही तरीके से संयोजन नहीं कर पाया उनके प्रति माफी चाहता हूं। दरअसल, सज्जन सिंह ने सोनकच्छ (Sonkatch) में संत श्री की कथा में पहुंचकर विवाविद बयान दिया था। जिसके बाद संत श्री ने कथा करने से मना कर दिया था।

दरअसल, बीते दिनों सज्जन वर्मा अपने विधानसभा सोनकच्छ के गांव जिरवाय में चल रही भागवत कथा में पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा था कि धर्म की भी अब दुकानें खुल गई हैं। पहले छोटी दुकानें होती थी अब बड़ा जनरल स्टोर खुल गया। धीरेंद्र शास्त्री बाबा बागेश्वर धाम वाला, एक सीहोर वाला प्रदीप मिश्रा ने बड़ी दुकान खोल ली हैं। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसके बाद लोग कथावाचक के पक्ष में उतर आए और सज्जन वर्मा के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं।

पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा का संतों पर विवादित बयान Video: बोले-धर्म के नाम पर बड़ी दुकानें खुल गई, कथावाचक का संकल्प- सोनकच्छ में कभी कथा नहीं करूंगा

संत ने कथा करने से किया इनकार

दूसरी ओर कथावाचक संत रामकृष्ण उपाध्याय ने मंच से कहा कि वह अपने मन की पीड़ा जाहिर करना चाहते हैं। जिस तरह से संत का अपमान हुआ हैं, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के संत हैं। मैं उस समय व्यासपीठ पर बैठा हुआ था, तो मेरी भी जवाबदारी बनती हैं। मैंने भी पाप किया हैं। मेरी उपस्थित में इस तरह के शब्दों का प्रयोग संतों के खिलाफ हुआ हैं।

संत ने कहा कि सोनकच्छ विधानसभा में मैं कभी कथा नहीं करूंगा, यह संकल्प मैंने लिया हैं। यह सजा मैं अपने आप को दे रहा हूं। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं हैं। कथावाचक संत और सज्जन वर्मा के बयान वाले दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। यहीं नहीं लोगों ने सज्जन वर्मा के खिलाफ पोस्ट कर आड़े हाथों लिया। वहीं मामले को तूल पकड़ता देख पूर्व मंत्री सज्जन सिंह ने माफी मांगी है।

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सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मैं अपनी आराध्य श्रद्धा कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर प्रदीप मिश्रा और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के प्रति आराध्य श्रद्धा जताते हुए संत रामकृष्ण उपाध्याय जी से अनुरोध करता हूं कि आप अपनी वाणी से, श्री राम कथा के माध्यम से, श्री भगवत गीता के माध्यम से, श्री महा शिवपुराण के माध्यम से धर्म की गंगा बहाते रहे, ताकि उसका लाभ हम सभी लोग ले सकें। आपको प्रमाण।

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