नसीर बैलिम, उज्जैन। स्वस्तिक पीठीधीश्वर एवं अखाड़ा परिसर उज्जैन के पूर्व महामंत्री संत अवधेशपुरी महाराज ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने महाकाल मंदिर समेत काशी के मंदिर से जुड़े परिसरों के नाम अंग्रेजी की जगह हिंदी में लिखने की मांग की है.
संत अवधेशपुरी महाराज ने अपने पत्र में लिखा है कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल और काशी विश्वनाथ समेत प्रमुख हिंदू धर्मस्थलों के विस्तारीकरण की योजनाओं में अंग्रेजी नामों का उपयोग किया जा रहा है जो कि गुलाम मानसिकता का परिचायक और सनासत संस्कृति पर कुठाराघात है. उन्होंने महाकाल कॉरिडोर, महाकाल फेसिलिटी सेंटर, मृदा प्रोजेक्ट, इंटर पिटीशन, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नामों को तुरंत बदलने हुए हिंदी में करने की मांग की है.
उन्होंने तर्क दिया है कि जब महाकाल के भक्त अधिकतर हिंदी बोलते हैं तो धार्मिकस्थलों से जुड़ीं परियोजनाओं के नाम हिंदी में होने चाहिए. साथ ही उन्होंने हिन्दी नामों का प्रस्ताव भी दिया है. इसके अलावा महाराज ने महाकाल में जिन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है उनकों प्रदर्शनी के दृष्टिकोण से नहीं बल्कि, उज्जैन की ऐतिहासिकता और पौराणिकता के दृष्टिकोण से निर्माण कराने की मांग की है.
महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसाद की बढ़ाई गई कीमत
उज्जैन महाकाल मंदिर समिति ने मंदिर प्रसाद की कीमत बढ़ाने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. अभी तक लड्डू प्रसाद मंदिर समिति घाटे में बनाकर बेच रही थी. मंदिर समिति को लागत भी प्राप्त नही हो रही थी. लड्डू की लागत और बिक्री में करीब 50 से 60 रु का अंतर आ रहा था. इसलिए लागत ही प्राप्त हो सके बगैर किसी लाभ के इस बात को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने लड्डू प्रसाद के दाम को 250 रु किलो से 300 रु किलो करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है.
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