अजय नीमा, उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े से धूमधाम से मनाया जाता है। महाकाल का 9 दिनों तक अलग-अलग श्रृंगार होगा। पहले दिन बाबा महाकाल का चंदन और भांग से विशेष श्रृंगार किया गया। महाकाल को 9 दिनों तक महाराज भोग का चढ़ावा और राजघराना उट्टन भी अर्पित किया जाएगा। चांदी के थाल में उट्टन के साथ 25 किलो हल्दी भी बाबा को दूल्हा स्वरूप में लगाने के लिए अर्पित की जाएगी। साथी ही चांदी के थाल में 9 दिनों तक सुबह अलग अलग भोग लगाया जाएगा। वहीं शाम को सवा क्विंटल भोग महाप्रसादी अर्पित की जाएगी।
9 दिन के महाराजभोग
पहले दिन 125 किलोग्राम खजूर का भोग, दूसरे दिन 125 किलोग्राम अक्रोड का भोग, तीसरे दिन 125 किलोग्राम जरदालु का भोग, चौथे दिन 125 किलोग्राम पुरंदरी अंजीर का भोग, पांचवें दिन 125 किलोग्राम खिश्मिश का भोग, छठे दिन 125 किलोग्राम सांगली का काला बेदाणा का भोग, सातवें दिन 125 किलोग्राम काजू का भोग, आठवें दिन 125 किलोग्राम पिश्ते का भोग, नवे दिन 125 किलोग्राम बादाम का भोग लगाया जाएगा।
इस पर्व में महाकाल को 11 लाख राजघराना उट्टन हिरक स्वर्ण, रजत, पुष्कराज, नौ रत्न का भस्म, चंदन और दुर्लभ दिव्य वनस्पति से मिश्रित उट्टन रजत पात्र में चढ़ाया जाएगा। साथ ही स्वर्ण वर्ख जड़ित काजू, बादाम, पिस्ता, अंजीर, जरदालू, खजूर, अकरोड, खिश्मिश, काला बेदाणा का भोग चांदी के थाल में दिखाया जाएगा। करीब 24 लाख का महाराजभोग,11 लाख का राजघराणा उट्टन और करीब 35 लाख का भोग महाकाल को अर्पित की जाएगी।
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