अजय नीमा, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन के जीवाजी वैधशाला के पास जंतर-मंतर पर 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है। इस पर 10×12 की वैदिक घड़ी लगाई जाएगी. जिसका शुभांरभ मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव 1 मार्च को करेंगे।

विश्व की पहली वैदिक घड़ी का डेढ़ करोड़ की लागत से निर्माण कार्य पूरा हुआ है। जिसमें अंग्रेजी के टाइम के साथ पंचांग के हिसाब से तिथि भी बताई जाएगी। आईआईटी ने सॉफ्टवेयर को तैयार किया है। जिसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से बनाए गए टॉवर पर दर्शाया जाएगा। गौरतलब है कि उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। उज्जैन से कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ कैंसर) गुजरी है। 

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वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम से जुड़ी होगी। इसमें IST, GMT के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिलेगी। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देगा। अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी। घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे।

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