संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिला अस्पताल में वन मंत्री विजय शाह को ही इलाज नहीं मिल सका।अस्पताल में बिजली गुल होने और जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने से मंत्री जी का एक्स-रे नहीं हो सका। जिसके बाद वन मंत्री आगबबूला हो गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस घटनाक्रम ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी।
दरअसल, वन मंत्री विजय शाह बाघ के हमले से घायल डिप्टी रेंजर जितेंद्र सिंह को देखने जिला अस्पताल पहुंचे थे, जहां उन्होंने वनाधिकारी का हाल जाना। चिकित्सकीय सुविधाओं की भी जानकारी ली और परिजनों को बेहतर उपचार कराने का आश्वासन दिया, लेकिन इसी बीच वन मंत्री ने स्वयं की पसलियों में दर्द की शिकायत होने पर जिला अस्पताल में एक्स-रे कराने की बात कही। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने वनमंत्री शाह को एक्स-रे कक्ष तो ले गया, लेकिन बिजली न होने पर मंत्री जी का एक्स-रे नही हो सका। इस पर मंत्रीजी ने जनरेटर चालू करने को कहा तो मौजूद चिकित्सक ने बताया कि वह खराब है। यह सुनकर मंत्री जी भड़क गए और अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई।
कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश
मंत्री विजय शाह ने कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी को फोनकर भी नाराजगी जाहिर की और कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप पांडेय सहित कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे। वन मंत्री ने बताया कि सुबह वे जिप्सी से पार्क भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान उनके सीने में चोट लग गई थी, जिसका एक्स-रे करने के लिए उन्होंने डॉक्टर से कहा था।
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