सुशील खरे,रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में क्या आपको नौकरी की तलाश ? क्या आप रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आईसीएमआर प्रोजेक्ट के तहत फील्ड की नौकरी करना पसंद करेंगे ? यदि हां, तो फिक्र छोड़िए. सिर्फ एक सैलरी जितनी रिश्वत दीजिए और बन जाइए सरकारी नौकर. जिस दिन आपकी काम करने की इच्छा न हो, मत कीजिए. इसके लिए आपको छुट्टी भी नहीं लेनी पड़ेगी और वेतन भी पांच अंकों में मिलेगा. ऐसी ही और भी बहुत सी सुविधाएं यहां आपको मिलेंगी.
यह ऑफर हमारा नहीं बल्कि वायरल हो रहे 2 वीडियो में अक्षत दुग्गल नामक एक दलाल द्वारा एक युवक को दिया जा रहा है. वीडियो में एक दलाल खुद को मेडिकल कॉलेज के प्रमुख का खास बताते हुए वहां नौकरी दिलाने के नाम पर एक महीने की सैलरी जितनी राशि रिश्वत देने की बात कहते सुना जा सकता है. युवक खुद को कॉलेज का एक यूडीसी (अपर डिविजन क्लर्क) बताते हुए हाईस्केल सैलरी पर काम करने वाला बता रहा है. दलाल का कहना है कि फील्ड जॉब के लिए 31 हजार रुपए सैलरी मिलेगी और इस दौरान संबंधित को रोज-रोज काम भी नहीं करना पड़ेगा. जब इच्छा हो छुट्टी मनाई जा सकती है और इसके लिए कोई छुट्टी आदि भी नहीं लेनी पड़ेगी.
मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर सूत्रों के अनुसार आईसीएमर के तहत कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग को क्षय रोग पर रिसर्च करने संबंधी प्रोजेक्ट मिला है. इसके लिए फील्ड में काम करने वाले डॉक्टर और तकनीशियन सहित अन्य की आवश्यकता है. नौकरी भी 6 माह के लिए ही मिलती है. वीडियो में दलाल ऐसे ही एक जॉब के लिए युवक से रिश्वत देने की बात कह रहा है. युवक द्वारा राशि होने की बात कहे जाने पर दलाल का कहना है कि दूसरा भी इतना देने के तैयार है, लेकिन ‘सर’ ने कहा है कि जो उनके साथ पहले काम कर चुका है, उसके साथ काम करना ज्यादा बेहतर है, क्योंकि वह समझता है कि क्या और कैसे करना है. रिश्वत मांगने वाला दलाल 6 माह बाद नौकरी अवधि बढ़ने की बात भी कहता है.
सह प्राध्यापक का लिया नाम दलाल ध्रुवेंद्र सर नाम के एक व्यक्ति का जिक्र भी करता है. बताया जाता है कि ध्रुवेंद्र सर कोई और नहीं बल्कि मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. ध्रुवेंद्र पांडेय. दलाल के अनुसार उनसे जो बात हुई है, उसके अनुसार जो भी यह रिश्वत देगा, उसे नियुक्ति में प्राथमिकता मिलेगी. इस बीच वीडियो शूट करन वाले व्यक्ति का साथी ध्रुवेंद्र सर के साथ चर्चा और बैठक कराने की बात कहता है, तो मोलभाव करने वाला व्यक्ति किसी से भी नहीं मिलने से इनकार कर देता है.
इधर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि मामले को जांच में लिया, एक-दो दिन लगेंगे वीडियो मेरे पास भी आए हैं. जांच की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के नाम पर यह बात करने वाले की भी जांच होगी. वीडियो में दिख रहा शख्स कभी लगता है कि हमारे यहां का है और कभी लगता है कि वह हमारे यहां का नहीं है. देखा जाए तो डॉ गुप्ता का कहना है कि ये गलत है पर वो आरोपी को बचाते हुए नजर आए.
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