संदीप शर्मा, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha District) में बोरवेल में गिरे सात साल के लोकेश की मौत के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के निर्देश पर लटेरी एसडीएम ने बोरवेल खुला छोड़ने के आरोप में दो आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई की है। बता दें कि 24 घंटे लंबे चले ऑपरेशन के बाद भी लोकेश को बचाया नहीं जा सका था। डॉक्टरों ने दम घुटने से मौत होने की बात कही है।
आनंदपुर थाना प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम खेरखेड़ी पठार स्थित इस खेत के कब्जेदार रमको बाई पत्नी राधेलाल और नीरज अहिरवार पिता राधेलाल अहिरवार निवासी आनंदपुर ने लापरवाहीपूर्णक बोरवेल के गड्ढे को खुला छोड़ दिया। इस खेत में बंटाई पर फसल उगाने वाले कोलीदार रामस्वरूप पिता बाबूलाल और रघुवीर अहिरवार पिता बल्ला अहिरवार ने भी खुले हुए बोरवेल के गड्ढे के प्रति लापरवाही बरती। जिससे बालक लोकेश अहिरवार पुत्र दिनेश अहिरवार गड्ढे में गिर गया और उसकी मौत हो गई। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए एवं 34 में मामला दर्ज किया। वहीं आरोपी नीरज अहिरवार और रघुवीर अहिरवार को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 151 के अंतर्गत लटेरी एसडीएम के समक्ष पेश किया गया, जिनके द्वारा दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया है।
ये है पूरा मामला
मंगलवार को लोकेश अपने परिजनों के साथ खेत गया था। जहां वह बंदरों को भगा रहा था। इसी दौरान वह खेत में खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। वह बोरवेल में 43 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था। सूचना के बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई। पुलिस और NDRF की टीम ने करीब 24 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाला।
दम घुटने के कारण हुई मौत
24 घंटे रेस्क्यू के बाद मासूम को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया था।इस संबंध में डॉक्टरों ने बताया कि मासूम लोकेश की जान दम घुटने के कारण गई है।
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