संदीप शर्मा, विदिशा। जिले के सिरोंज स्थित सरकारी राजीव गांधी चिकित्सालय लापरवाही और घोटालों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। एक बार फिर फर्जी नियुक्ति को लेकर अस्पताल चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ समय पहले भी दो नर्साें का वेतन निकालने का मामला सामने आया था। जिसमें दो नर्सों का 24 लाख रुपए वेतन निकाला गया था, जिसकी जांच भी पूरी नहीं हो पाई थी, फिर से दूसरा मामला संज्ञान में आया है।

दरअसल, 2014 में मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहने और फर्जी कुपोषित बच्चों की रजिस्टर में एंट्री करने के मामले को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने एनआरसी वार्ड में कार्यरत रुबीना खान की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि रुबीना खान आज भी एनआरसी वार्ड में कार्य कर रही है। सेवा समाप्ति के बाद कैसे हर माह वेतन निकाला जा रहा है और किसके आदेश पर फिर नियुक्ति हुई, यह बड़ा गंभीर सवाल है।

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सेवा समाप्ति के बाद पुन: नियुक्ति करवाने वाला सरगना कौन है ? किन आदेशों के तहत रखा गया है। 2014 से अभी तक वेतन के नाम पर लगभग 15 लाख से अधिक राशि निकाली गई है। सेवा समाप्ति के बाद भी रुबीना खान को हर माह किस आधार पर यह वेतन का लाखों रुपए दे दिया गया, आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ? इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी विकास बघेल ने बताया कि जैसे ही मेरे संज्ञान में आया मैंने नोटिस दिया है और वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया है।

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