संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha) में पीएम आवास (PM Awas) में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अंधेरे में खाना और दीपक की रोशनी में पढ़ाई करने पर मजबूर है। यहां तक की सड़क की हालत में जर्जर है। वहीं जिले में ही अवैध कॉलोनी काटने वाले तीन कॉलोनाइजरों पर एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है।
पीएम आवास में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा तक नहीं
विदिशा जिले के छतरपुर क्षेत्र में बने पीएम आवास में लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में रह रहे है। इन्हें 2017 में यह मकान (House) आवंटित हुए थे और 2022 में गृह प्रवेश कराया गया था। बिजली, पानी और सड़क की सुविधा नहीं होने से रहवासी परेशान है।
दरअसल, श्मशान घाट के नजदीक जात्रा पूरा क्षेत्र में पीएम आवास के तहत मल्टी बनाई गई है। जिसमें सैकड़ों परिवारों के रहने की व्यवस्था की गई, लेकिन यहां सिर्फ मकान बनकर तैयार है, न तो यहां बिजली (Electric) की व्यवस्था है और न ही पानी (Water) की और यहां पहुंचने वाले सड़क मार्ग (Road) की भी हालत जर्जर है। स्थानीय रहवासी ने बताया कि अंधेरे में खाना बनाते हैं, बच्चे दीपक की रोशनी में पढ़ाई करते हैं।
इतना ही नहीं तीन मंजिला तक पानी चढ़ा कर ले जाना पड़ता है। कई बार शासन-प्रशासन को इस संबंध में आवेदन निवेदन किया जा चुका है, लेकिन इस समस्या का अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।
बिना डायवर्सन के ही काटी अवैध कॉलोनी, तीन पर FIR दर्ज
शहर के आस-पास भू-माफियाओं ने बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां (Illegal Colonies) काटी हैं। जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को हर महीने पांच अवैध कॉलोनाइजर (colonizer) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव (IAS Umashankar Bhargava) ने एसडीएम गोपाल सिंह वर्मा (SDM Gopal Singh Verma) को 10 जनवरी से पहले कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद 3 जनवरी को एसडीएम के आदेश के बाद कोतवाली में तीन अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हरिहर तिवारी पुत्र लक्ष्मीनारायण तिवारी कार्तिक चौक, उमाशंकर दुबे पुत्र वृंदावन दुबे निवासी शहीद ज्योति स्तंभ के सामने और प्रदीप दुबे पुत्र वृंदावन दुबे निवासी शहीद ज्योति स्तंभ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बताया गया कि इन लोगों ने सहायक संचालक नगर और ग्राम निवेश विदिशा से नक्शा स्वीकृत कराए बिना कॉलोनी काटी। वहीं कॉलोनी विकास की अनुमति नहीं ली गई। इसके अलावा इन्होंने कॉलोनाइजर का लाइसेंस (License) भी नहीं लिया है। खेती की जमीन का डायवर्सन (Diversion) नहीं कराया और अवैध कॉलोनी का निर्माण (construction) कर दिया। जिसके चलते तीनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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