अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में (Madhya Pradesh Legislative Assembly)आज प्रदेश में बाघ-तेंदुए की मौत का मुद्दा गंजा। मध्यप्रदेश में बाघ-तेंदुए की मौत (tiger-leopard death) को लेकर सियासत जारी है। मामले को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर वन मंत्री (Forest minister) से जवाब मांगा। प्रश्न में जीतू पटवारी ने आंकड़ों के साथ कहा कि 2014 से 2018 के बीच 324 बाघ और तेंदुए की मौत शिकार, जहर देने और करंट (Current) लगने से हुई है। वन मंत्री से जवाब दें कि किस बात और किस तेंदुए की कब और कहां कैसे मौत हुई। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश की माली हालत ठीक नहीं है। बिगड़ती स्थिति के कारण बड़े जानवर (wild animals) बाहर भेजे जा रहे हैं। किस कीमत पर पशु पक्षी बाहर भेजे जा रहे हैं इसके दस्तावेज सरकार दें। जीतू पटवारी ने कहा कि संस्था को लाभ पहुंचाया जा रहा है, सरकार स्पष्ट करे।
बड़ी संख्या में बाघों तेंदुओं की मौत को लेकर उठते सवालों पर वन मंत्री विजय शाह बोले एमपी में शिकारी सक्रिय है। शिकार के मामले चिंताजनक है। हमने शिकारियों को पकड़ा है। हमारी कोशिश है कि एमपी टाइगर स्टेट फिर से बने। जीतू पटवारी को पूरा जवाब दिया जाएगा। सब कुछ सबके सामने क्रिस्टल क्लियर है।
एमपी के शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क टाइगरों से गुलजार होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बांधवगढ़ से लाए तीन टाइगर 10 मार्च को छोड़ेंगे। वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा माधव नेशनल पार्क पर अतिक्रमण हो गया था उसको हटाया गया है। अब वहां पर विलुप्त हो रहे टाइगरों से माधव नेशनल पार्क को गुलजार किया जाएगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वन मंत्री ने कहा हमारी कोशिश है कि पहली बार में तीन टाइगर छोड़े जाए। इसके बाद दो टाइगर छोड़े जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि टाइगरों की बसाहट के लिए माधव नेशनल पार्क में माकूल व्यवस्था की गई है।
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