शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. व्यापमं घोटाले के एक और प्रकरण में निर्णय पारित हुआ है. मप्र वनरक्षक परीक्षा 2012 मामले में CBI की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपियों को दोषी पाया है. वनरक्षक परीक्षा वर्ष 2012 में अवैध तरीके से चयनित अभ्यार्थियों ने अपनी जगह दूसरे अभ्यर्थियों से परीक्षा दिलवाई थी.
जांच में पाया गया कि दोनों आरोपी अवैध तरीके से वनरक्षक के पद पर भर्ती हुए हैं. मामले में दो अभ्यर्थी और एक मध्यस्थ शामिल है. देवेंद्र कुमार जाटव, पदम सिंह खरे और आनंद सागर को धारा 419 420 467 468 471 सपठित धारा 120 बी वि भादवी और मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की धारा 3डी 1-2/4 को दोषी पाया गया. आरोपियों की सजा को लेकर आज ही CBI कोर्ट में सुनवाई होगी.
सीबीआई की ओर से इस प्रकरण में सतीश दिनकर विशेष लोक अभियोजक सीबीआई के द्वारा पैरवी की गई. विवेचना एसटीएफ के उप पुलिस अधीक्षक अरुण कश्यप और सीबीआई के निरीक्षक अनुज कुमार द्वारा की गई थी. एसटीएफ को छद्म नामों से शिकायतें प्राप्त हुई कि 15 अप्रैल 2012 को आयोजित मध्य प्रदेश वनरक्षक भर्ती परीक्षा में देवेंद्र कुमार जाटव द्वारा अनुचित तरीके से परीक्षा पास कर चयन हुआ है.
शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए थाना एसटीएफ में देवेंद्र कुमार जाटव के संबंध में वन विभाग सतपुड़ा भोपाल और व्यापम भोपाल से जानकारी प्राप्त की. संदेही देवेंद्र कुमार को तलब कर नमूना लिखावट व निशानी अंगूठा की जांच कराई गई. इसी तरह उक्त परीक्षा में पास होने वाले अभ्यार्थी पदम सिंह खरे के संबंध में भी जांच पर पाया गया कि दोनों आरोपी अवैध तरीके से वनरक्षक के पद पर भर्ती हुए हैं.
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