एसआर रघुवंशी, गुना। मध्य प्रदेश के गुना के जिला अस्पताल मे नसबंदी कराने आई महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि नसबंदी ऑपरेशन की फाइल तैयार करने के बाद और महिलाओं को इंजेक्शन लगने के बाद भी ऑपरेशन नहीं हो पाया। जिसके बाद यहां आई 44 महिलाओं ने बवाल मचा दिया।

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वहीं महिलाओं के साथ आई आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के द्वारा पूछने पर अस्पताल स्टाफ ने डॉक्टर के उपस्थित नहीं होने की बात कही। जिसके बाद महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। दरअसल हर सोमवार,गुरुवार और शनिवार को जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन होता है। 2 माह से हफ्ते में तीन दिन यहां 3 दिन नसबंदी ऑपरेशन शिविर का आयोजन हो रहा है। इसी के तहत ये महिलाएं नसबंदी कराने अस्पताल पहुंची थी। 

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इस दौरान यह भी बात सामने आई है कि आशा कार्यकर्ताओं को डॉक्टर के होने और नहीं होने की पूर्व में कोई सूचना नहीं दी जाती है। एलटीटी मरीजों के अटेंडर बिना गर्म कपड़ों के ठंड में छोटे छोटे बच्चों को लेकर अस्पताल के बाहर इंतजार में खड़े रहे। वहीं इस मामले में जब प्रभारी सिविल सर्जन राजेंद्र भाटी से बात की तो उनका कहना है अस्पताल में एलटीटी एक्सपर्ट डॉक्टरों की कमी है ।

बड़ी बात तो यह है कि प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक जिला अस्पताल में पहुंचते हैं और बस हादसे में घायलों को चेक करते हैं, लेकिन जिस रूम में बस हादसे में घायल लोग थे, यही पर ठंड में बैठे परिजन और नसबंदी ऑपरेशन कराने आई महिलाओं से ना ही मिले और न ही उनसे उनकी परेशानी पूछी। इस पर सवाल खड़े होते हैं कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी सुध नहीं लेंगे तो आखिर हालात कब सुधरेंगे।  

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