हरिओम श्रीवास. मस्तूरी. ‘ओडीएफ़ जनपद’ की वाहवाही लूटने वाले मस्तूरी जनपद के खोरसी गांव के स्कूल में एक शौचालय तक नहीं है. हालाँकि स्कूल में स्वच्छता का पाठ बड़े जोश-खरोश के साथ जरूर पढ़ाया जा रहा है. शौच के लिए छात्र- छात्राओं को खेत जाना पड़ता है. शिक्षक-शिक्षिकाओं को मोहल्ले का दरवाजा खटखटाना पड़ता है. खोरसी का यह स्कूल स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाते हुए साफ नजर आ रहा है. बड़े-बड़े नेता-मंत्री स्वच्छ भारत मिशन के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने की बात अक्सर कहते हुए दिख जाते हैं. क्या खोरसी के स्कूल में शौचालय बनवाने के लिए इस मिशन के पास कोई पैसा नहीं बचा है.
खोरसी गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल के छात्र-छात्राएं बड़ी शर्मिंदगी से शौच के लिए खेत जाने को मजबूर हैं. जानकारी के अनुसार इस स्कूल में एक पुराना शौचालय था. जिसे पूर्व सरपंच ने तुड़वा दिया है. छात्र-छात्राओं ने मिलकर मौजूदा सरपंच चन्द्रकांत सिंह से इस बात की कई बार शिकायत की है. वे उनसे बार-बार शौचालय बनवाने की मांग कर चुके हैं मगर सरपंच चन्द्रकांत सिंह ने एक ही जवाब रट लिया है कि शौचालय बनवाने के लिए जनपद से राशि नहीं मिल रही है.
शिक्षक-शिक्षकाएं भी कई बार ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात से अवगत करा चुके हैं. लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता ने जब इस मामले में मस्तूरी जनपद सीईओ से जानकारी मांगी तो उनका कहना था कि स्कूल में जल्द ही शौचालय निर्माण का काम शुरू करवाया जायेगा. सीईओ मोनिका वर्मा ने आगे कहा कि सरपंच द्वारा स्कूल में शौचालय बनवाने को निर्माण सामग्री डाल दिया गया है. आपको बता दें कि स्कूल के पास निर्माण सामग्री के नाम पर एक ईंट का टुकड़ा भी नहीं है.