Muhammad Ali Jinnah Love Story: पाकिस्तान आज अपना 19वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 14 अगस्त 1947 भारत का बंटवारा कर पाकिस्तान बनाया गया था। भारत से अलग पाकिस्तान की स्थापना मोहम्मद अली जिन्ना ने की थी। मोहम्मद अली जिन्ना एक ऐसा नाम है जो उनके पाकिस्तान के निर्माण से जुड़ा है। मोहम्मद अली जिन्ना को ही पाकिस्तान का संस्थापक कहा जाता है। जिन्ना का जीवन हमेशा विवादों में रहा। खासकर मोहम्मद अली जिन्ना की प्रेम कहानी पर तो जमकर कंट्रोवर्सी हुई। 40 साल के जिन्ना दोस्त की 17 साल की बेटी को दिल दे बैठे थे।
मोहम्मद अली जिन्ना की प्रेम कहानी उनके दोस्त की 17 वर्षीय बेटी रत्ती से शुरू हुई थी। उम्र और धर्म के अंतर के बावजूद दोनों ने निकाह किया। शादी के बाद रिश्ते बिगड़ गए और रत्ती डिप्रेशन का शिकार हो गईं।

दरअसल 1916 की गर्मियों में मशहूर कारोबारी और जिन्ना के पारसी दोस्त सर दिनशा पेटिट ने उन्हें दार्जिलिंग घूमने के लिए आमंत्रित किया। यहीं जिन्ना के मुलाकात दिनशा की 17 वर्षीय बेटी रतन भाई उर्फ रत्ती से हुई। रत्ती बहुत सुंदर, शिक्षित और तेज तरार थी। यह पहली मुलाकात जल्द ही मोहब्बत में बदल गई। जिन्ना उस समय 40 साल के थे और रुती उनसे लगभग 23 साल छोटी थी। दोनों के बीच उम्र का फासला था लेकिन दिलों में जगह बन चुकी थी। रत्ती भी जिन्ना से प्रभावित थी।
दोस्त के सामने रखा शादी का प्रस्ताव और टूटी दोस्ती
जब जिन्ना ने अपने दोस्त दिनशा से इस रिश्ते की बात की तो उन्होंने अपने अंतरधार्मिक विवाह पर सकारात्मक राय दी। हालांकि जब उन्हें पता चला की जिन्ना उन्हीं की बेटी से शादी करना चाहते हैं, तो वह नाराज हो गए। उन्होंने जिन्ना से सारे संबंध तोड़ लिए।
निकाह के लिए लिया धर्म परिवर्तन का सहारा
दोस्त की मंजूरी न होने के बाद भी जिन्ना ने रत्ती से शादी की थी। रत्ती पारसी थी और उस समय पारसी मैरिज एक्ट के तहत यह शादी मान्य नहीं थी। ऐसे में जिन्ना ने इंतजार किया की रत्ती बालिग हो जाए। जब रत्ती 19 साल की हुई तो 19 अप्रैल 1919 को जिन्ना ने उसका धर्म परिवर्तन करवा कर निकाह कर लिया। निकाह के बाद रत्ती का नाम मरियमबाई रखा गया। यह भी कहा जाता है कि अगर जिन्ना सिविल मैरिज करते तो उन्हें मुस्लिम समुदाय का राजनीतिक नेतृत्व छोड़ने पड़ सकता था इसीलिए उन्होंने निकाह को चुना।
निकाह का हुआ दुखद अंजाम
शादी के बाद जिन्ना और रत्ती की जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं रहा। जिन्ना की बहन फातिमा और रत्ती के बीच घरेलू विवाद बढ़ने लगे। धीरे-धीरे रत्ती अलग रहने लगी और डिप्रेशन व नशें की आदतों में गिर गई। 20 फरवरी 1929 को रत्ती ने अपने जन्मदिन पर अंतिम सांस ली। जिन्ना ने अपनी पत्नी को खो दिया और इस प्रेम कहानी का अंत हो गया था।
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