मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश में पहली बार एक ऐसी योजना की शुरूआत की है जिससे आम के आम गुठलियों के भी दाम मिलेंगे. अगर आपके पास जमीन है तो आप उसमें वृक्षारोपण कर उनकी लकड़ियां बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. दिलचस्प बात ये है कि आपकी जमीन में पौधारोपण और देखरेख का सारा खर्च सरकार उठाएगी. सरकार इस निवेश के बदले पर्यावरण को बेहतर करने के साथ-साथ युवाओं, किसानों और खाली पड़ी जमीन के हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है. इस योजना की देशभर में तारीफ हो रही है. इसी साल इसके लिए बजट जारी कर सरकार ने सभी जिलों में कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों, युवाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने, रोजगार और पर्यावरण में सुधार करने की दिशा में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना की शुरूआत की है. इस योजना के दायरे में कोई भी आ सकता है. बशर्तें उसके पास खुद की आधा एकड़ से अधिक जमीन होनी चाहिए. इस योजना के जरिए किसानों और अन्य हितग्राहियों को अच्छी आय तो होगी ही, साथ ही पर्यावरण भी हरा-भरा रहेगा. योजना के दायरे में पांच प्रकार के व्यावसायिक पौधों का रोपण कराया जाएगा. पौधा बांटने से लेकर उसे लगाने, खाद दवा के छिड़काव का सारा खर्च हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसके लिए मापदंड तैयार किए गए हैं. इसकी देखभाल उन हितग्राहियों को करनी होगी, जिसकी जमीन पर पौधे लगेंगे. जितना अधिक काष्ठ उत्पाद तैयार होगा, उतना ही फायदा उन्हें पहुंचेगा. बाद में सरकार निश्चित सीमा के भीतर इन काष्ठ उत्पादों को समर्थन मूल्य तय कर वापस क्रय करेगी. इस संबंध में शासन के साथ योजना के क्रियान्वयन में हितग्राही से अनुबंध किया जाएगा. साथ ही इसके मापदंड में रोजगार को बढ़ावा देने की शर्तें भी शामिल होगी. ताकि स्थानीय लोगों को भी इसका फायदा पहुंचे.

पर्यावरण और रोजगार के अवसरों को मिलेगा बढ़ावा

पर्यावरण का ख्याल रखने के साथ-साथ इस क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना और भूमि स्वामी हितग्राहियों की आय बढ़ाने के साथ काष्ठ और प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वृक्ष संपदा योजना की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2023-24 के बजट में निजी भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. 21 मार्च को मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 33 जिलों के 42 स्थानों पर योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस योजना के तहत पांच साल में एक लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है. 20 हजार से ज्यादा किसानों ने 30 हजार एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण के लिए पंजीयन कराया है. इस योजना से किसानों को हर साल प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपये की आमदनी होगी.

मुफ्त मिलेगा पौधा

किसान और अन्य हितग्राही खेत में अगर पौधे लगाने के लिए पंजीयन कराएंगे तो उन्हें वन विभाग की ओर से निःशुल्क पौधे दिए जाएंगे. पौधे के परिवहन का खर्च, गड्डों की खुदाई व खाद की राशि किसान के खाते में ट्रांसफर की जाएगी. दो वर्ष तक हितग्राहियों को पौधे सुरक्षित रखने और कीटनाशक का इस्तेमाल करने के लिए राशि दी जाएगी.