Air Defence System Project For Delhi-NCR Security: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) ने भारत के बड़े शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इससे सबक लेते हुए भारत बॉर्डर एरिया के शहरों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने में जुट गई है। भारत अब राजधानी दिल्ली-NCR को मिसाइलों, ड्रोन और फाइटर जेट हमले जैसे खतरों से बचाने के लिए अपना खुद का मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम लगाने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक IADWS का 23 अगस्त को सफल परीक्षण भी हो चुका है।

नया इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) पूरी तरह देश में बने हथियारों से तैयार होगा। इस सिस्टम का सबसे बड़ा हिस्सा DRDO की बनाई QRSAM मिसाइल और VSHORADS होगा। इनके साथ कई तरह के सेंसर, रडार और एक आधुनिक कंट्रोल सिस्टम जोड़ा जाएगा, जिससे हर खतरे पर तुरंत नजर रखी जा सके। ये पूरा सिस्टम भारतीय वायुसेना ऑपरेट करेगी।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक IADWS का 23 अगस्त को सफल परीक्षण भी हो चुका है। परीक्षण के दौरान इस सिस्टम ने 2 हाई स्पीड फिक्स विंग अनमैन्ड ड्रोन, मल्टी कॉप्टर ड्रोन समेत तीन अलग-अलग टारगेट पर अटैक किया। ये तीनों टारगेट अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर थे। IADWS ने इन तीनों को एक साथ निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

DRDO की बड़ी भूमिका

DRDO मिसाइल सिस्टम को रडार, डेटा लिंक और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ने की जिम्मेदारी संभालेगा। अधिकारियों के मुताबिक, इतनी जटिल एयर डिफेंस व्यवस्था के लिए कई सिस्टमों को एक साथ जोड़ना जरूरी है।

भारत के पास है आकाशतीर डिफेंस सिस्टम

पंजाब के आदमपुर एयरबेस से 13 मई को पीएम मोदी ने जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ की थी, वह भारत का आकाशतीर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम है। इसे भारत का आयरन डोम कहा जा रहा है। आकाशतीर एक स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-पावर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे भारतीय सेना के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने संयुक्त रूप से डिजाइन और डेवलप किया है। इसका काम लो-लेवल एयरस्पेस की निगरानी करना और ग्राउंड पर तैनात एयर डिफेंस वेपन सिस्टम को कंट्रोल करना है।

सुदर्शन चक्र मिशन का हिस्सा

IADWS एक मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम है, ये दुश्मन के हवाई हमले नाकाम करेगा। इसे सुदर्शन चक्र मिशन का एक हिस्सा माना जा रहा है। यह स्वॉर्म (एक साथ छोड़े गए कई ड्रोन्स) ड्रोन अटैक के खिलाफ रक्षा कवच बनेगा। 23 अगस्त को ओडिशा के तट पर IADWS का सफल परीक्षण किया गया था।

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