Mumbai Cyber Fraud Digital Arrest Case: इस डिजिटल युग में अबतक आपने साइबर फ्रॉड के कई मामले पढ़े या देखें होंगे। हालांकि मैं अभी, जिस साइबर फ्रॉड की बात कर रहा हूं। उसे जानने के बाद आपकी रूह कांप जाएगी। साइबर फ्रॉड यह हैरान कर देने वाला मामला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की है। यहां ठगों ने 86 साल की बुजुर्ग महिला को 2 महीने तक डिजिटल अरेस्ट (86-year-old woman kept under digital arrest for 2 months) रखा। इस दौरान उससे करीब 20 करोड़ रुपये (20 crore) ठग लिए। तभी मामले में घर में काम करने वाली नौकरानी की एंट्री होती है और उसकी सतर्कता से पूरे मामले का खुलासा हो गया। FIR के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं।

दरअसल इस कहानी की शुरुआत आज से ठीक दो साल पहले फरवरी 2023 से होती है। मुंबई में रहने वाली वृद्ध महिला को एक अनजान नंबर से कॉल आता है। कॉल करने वाला खुद का नाम संदीप राव बताता है। वो अपना परिचय CBI ऑफिसर के रूप में देता है। हालांकि असल में एक साइबर ठग था।
फर्जी सीबीआई ऑफिसर यानी कि ठग इसके बाद वो कहता है कि विक्टिम महिला के नाम और डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके एक बैंक अकाउंट है, जिसका इस्तेमाल गैर कानूनी एक्टिविटी में किया है। उस बैंक खाते के जरिए मनी लाउड्रिंग और जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को रुपये भेजे हैं।
फेक CBI ऑफिसर ने महिला को बताया कि इस केस को CBI स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम को सौंप दिया गया है। केस दर्ज हो चुकी है। इसके बाद WhatsApp कॉल के दौरान को महिला को डराया गया कि इस केस में उनके बच्चों को गिरफ्तार किया जा सकता है और उनका बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा। इसके बाद आरोपी ने महिला को धमकाया कि उसके पास अरेस्ट वॉरेंट है। इसके आरोपी ने ने विक्टिम महिला को बताया कि वह अगर जांच में सहयोग नहीं करेंगी तो पुलिस उनके घर पर पहुंच जाएगी।
ऐसे किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद ठग महिला को बताया कि डिजिटल इंडिया मूमेंट के तहत बिना पुलिस स्टेशन जाए ई-इनवेस्टीगेशन में मदद कर सकती हैं। अपना बयान दर्ज करा सकती हैं। इसके बाद विक्टिम महिला से जांच के नाम पर बैंक डिटेल्स और अन्य जरूरी डिटेल्स मांगता है। इसके बाद महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया और रिश्तेदारों से बात ना करने की चेतावनी देता है। इसके बाद विक्टिम ने अपने बिजनेस और फैमिली मेंबर्स की जानकारी ठगों को दे देती है। फिर डिजिटल अरेस्ट का यह खेल दो महीने तक चलता है।
हर 3 घंटे पर लोकेशन जांचते थे ठग
फेक CBI अफसर और राजीव रंजन फेक नाम के शख्स महिला को 2-3 घंटे के दौरान कॉल करते और उनकी लोकेशन पूछते। इसके बाद विक्टिम महिला को बताया कि अगर आपको अपना नाम इस केस से हटवाना है, तो उसका एक प्रोसेस है। इसके बाद विक्टिम महिला को बताया कि उनको अपने बैंक अकाउंट में मौजूद सभी रकम को कोर्ट के अकाउंट में ट्रांसफर करनी होगी। साइबर ठगों ने एक फर्जी वादा भी किया जांच पूरी होने के बाद उनके रुपये वापस कर दिए जाएंगे। हालांकि इसके बाद उनको कुछ वापस नहीं मिला।
घर में काम करने वाली नौकरानी ने किया खुलासा
पुलिस ने बताया कि उनके घर में काम करने वाली महिला ने बुजुर्ग महिला के स्वभाव में बदलाव देखा। काम करने वाली नौकरानी ने बताया कि बुजुर्ग अपने रूम में रहती, कभी -कभी चिल्लाती और सिर्फ खाने के लिए रूम से बाहर आतीं। ये जानकारी उन्होंने बुजुर्ग महिला की बेटी को दी। जानकारी के बाद महिला की बेटी पहुंचती है और मां से पूछताछ करती है। इसके बाद वृद्ध महिला पूरी कहानी बेटी को बताती है। इसके बाद 4 मार्च को उन्होंने FIR दर्ज कर कराई। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस ने 20-20 साल के दो लोगों को मीरा रोड से गिरफ्तार किया है।
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