रोहित कश्यप, मुंगेली। मुंगेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। जिले के कोसाबाड़ी गांव में ‘मनचाहा धन’ प्राप्त करने के लालच में 7 साल की मासूम बच्ची लाली उर्फ महेश्वरी गोस्वामी की बलि कथित तौर पर तंत्र-मंत्र और झाड़फूंक के अंधविश्वास में दी गई। मामले में बच्ची के रिश्ते में भाई-भाभी सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

11 अप्रैल की रात हुई थी बच्ची लापता
घटना 11 अप्रैल 2025 की रात की है, जब लाली अपनी मां के साथ घर में सो रही थी। अगली सुबह वह लापता पाई गई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। करीब एक महीने बाद, 6 मई को श्मशान के पास एक खेत में एक खोपड़ी और मानव अस्थियाँ मिलीं। डीएनए जांच में यह पुष्टि हुई कि वे अवशेष लाली के ही हैं।
डीएनए रिपोर्ट से हुआ खुलासा, मौत बेहद क्रूर तरीके से दी गई
बच्ची के माता-पिता के डीएनए से जब मिलान किया गया तो साफ हुआ कि बरामद खोपड़ी और अस्थियाँ उन्हीं की बेटी की थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए, जिससे उसकी क्रूर हत्या की पुष्टि हुई।
पुलिस की महीनों की कड़ी जांच लाई रंग
बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और मुंगेली एसपी भोजराम पटेल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई थी। जांच में साइबर सेल, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान, नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफ टेस्ट की मदद ली गई। इन सभी उपायों से सामने आया कि बच्ची की बलि ‘झरन पूजा’ नामक एक काले तांत्रिक अनुष्ठान के तहत दी गई थी, जिसे गांव में मनचाही समृद्धि पाने के लिए किया जाता है।
परिवार के ही निकले हत्यारे, 5 आरोपी गिरफ्तार
जांच में चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि बच्ची की हत्या की साजिश रचने वाले उसके ही रिश्ते में भाई-भाभी थे। पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
- चिम्मन गिरी गोस्वामी – बच्ची का रिश्ते में भाई
- ऋतु गोस्वामी – बच्ची की रिश्ते में भाभी और चिम्मन गिरी की पत्नी
- नरेंद्र मार्को – बच्ची को घर से उठाकर लाने वाला
- आकाश मरावी – तांत्रिक पूजा में सहयोगी
- रामरतन निषाद – झाड़फूंक करने वाला बैगा
ऐसे रची गई बलि की खौफनाक साजिश
मुख्य साजिशकर्ता ऋतु गोस्वामी ने गांव के बैगा रामरतन निषाद के साथ मिलकर यह योजना बनाई थी। इसके तहत मासूम बच्ची की बलि देकर काले तांत्रिक अनुष्ठान ‘झरन पूजा’ को संपन्न किया जाना था। आरोप है कि उसने नरेंद्र मार्को को पैसे देकर बच्ची को रात में घर से चुपचाप उठाने को कहा। फिर उसे काले कपड़े पहनाकर तांत्रिक क्रियाएं की गईं और चाकू से उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। शव को खेत में गाड़ दिया गया ताकि किसी को शक न हो। पुलिस ने पूजा में इस्तेमाल की गई सामग्री और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए हैं।
जेल भेजे गए सभी आरोपी
सभी आरोपियों को 26 जुलाई को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 103(1), 140, 137(2), 61, और 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।
प्रशासन और पुलिस की सघन कार्रवाई
इस पूरे मामले में लोरमी थाना, साइबर सेल और राजस्व विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपर कलेक्टर मेनका प्रधान, SDM अजीत पुजारी, नायब तहसीलदार शांतनु तारन सहित कई पुलिस अधिकारियों ने दिन-रात साक्ष्य जुटाए। विशेष टीम में निरीक्षक अखिलेश वैष्णव, उपनिरीक्षक सुशील बंछोर, सतेन्द्रपुरी गोस्वामी, सुन्दरलाल गोरले, नंदलाल पैकरा, निर्मल घोष, राजकुमारी यादव, और साइबर टीम के सदस्य भी शामिल थे।
अंधविश्वास बना मासूम की जान का दुश्मन, गांव में आक्रोश
कोसाबाड़ी गांव सहित पूरे लोरमी क्षेत्र में इस घटना से मातम और गुस्से का माहौल है। लोग स्तब्ध हैं कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की आड़ में एक मासूम बच्ची की बलि दी गई। यह घटना न सिर्फ अंधविश्वास की खतरनाक हकीकत को उजागर करती है, बल्कि कानून और समाज दोनों के लिए एक सख्त चेतावनी भी है कि अब ऐसे अंधविश्वासों पर लगाम जरूरी है।
यह मामला पूरे छत्तीसगढ़ में एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि आज भी ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास किस कदर गहराया हुआ है, और किस हद तक यह इंसानियत को शर्मसार कर सकता है।
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