रायपुर. राजधानी के लाल गंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में जारी चातुर्मासिक प्रवास के अंतर्गत आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनि सुधाकर और मुनि नरेश कुमार के सान्निध्य में आज दिनांक 28/09/2024, शनिवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, रायपुर की तरफ से हमारे जीवन से जुड़े विषय पर विशेष कार्यशाला “बदलें सोच बदलेंगे सितारे” का आयोजन किया गया.
उपस्थित जनमेदनी को संबोधित करते हुए मुनि सुधाकर ने कहा कि हमारे मन की मनोदशा दो तरह की होती है. एक मन कहता है, यह कार्य कर लेता हूं और दूसरा कहता है यह कार्य नहीं करु. विचार या सोच की उत्पत्ति मन से होती है. हम तीन योग मन, वचन और काया से जीते हैं. जैसा मन होगा वैसा वचन होगा और इनका असर हमारे कार्यों पर पड़ता है.
मुनि ने आगे कहा कि विज्ञान भी कहता है हमारे मन का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है. जादू दवाई में नहीं जादू मस्तिष्क में होता है. परिस्थिति से ज्यादा मनोस्थिति पर ध्यान देना चाहिए. मन की कल्पना से हम राई की बात को पहाड़ बना लेते हैं.
मुनि ने आगे कहा कि हमारे मन में तीन तरह के वायरस भय-निराशा-ईष्या विशेष रूप से कार्य करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप तनावग्रस्त या अवसादग्रस्त हो कर हम नकारात्मक विचार की ओर अग्रसर हो जाते हैं और अव्यवहारिक कार्य कर गुजरते हैं.
मुनि ने उनके विषय में विस्तार से कुछ उदाहरणों के माध्यम से उपस्थित जनमेदनी को मार्गदर्शीत करते हुए कहा कि भय से ग्रस्त व्यक्ति अपने आंतरिक आंतकवाद से घिरा रहता है जिसका परिणाम उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है. अपने पर विश्वास कर हम अपने आत्मविश्वास को जागृत कर भय को दूर कर सकते हैं. निराशा हमारे जीवन को तनावग्रस्त कर देती है.
मुनि ने कहा कि भगवत गीता में भी कहा गया है कि कर्म करना हमारे हाथ में है फल हमारे हाथ में नहीं. हमें हमेशा आशावादी रहना चाहिए क्योंकि आशा हमारे जीवन की किरण, आधार, पतवार है. धार्मिक व्यक्ति वह होता है जो दुख में सुख और अंधेरे में उजाला खोज ले. मुनि ने कहा कि आज के समय में व्यक्ति ईर्ष्यालु प्रवृति का हो गया है जो उसके दुख का बहुत बड़ा कारण है. ईष्या पैदा होने का विशेष कारण दूसरों से अपनी तुलना है.
मुनि ने कहा कि जब बनाने वाले ईश्वर ने हमें एक सा नहीं बनाया सब की अपनी विशेषता है तो फिर हम अपनी तुलना दूसरों से अर्थात ईष्याभाव क्यों रखे. अंत में मुनि ने कहा कि जो है उसी में यदि हम सुख खोज लेंगे तो हमारा और परिवार का जीवन स्वर्ग बन जायेगा. मुनि नरेश कुमार ने सुमधुर गीतिका का संगान करते हुए प्रेरणा पाथेय प्रदान किया.
रविवार दिनांक 29/09/2024 को मुनि वृंद के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल, रायपुर द्वारा विशेष आयोजन “रिश्तों की डोर न हो कमजोर” दम्पति शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री एल. मूरुगन जी.
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