चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। कहने को तो पुलिस आम जनता के लिए है उसे इंसाफ दिलाने के लिए है। लेकिन जब आरोपी रसूखदार हों तो पीड़ित के लिए इंसाफ पाना जैसे आसमान से तारे तोड़ लाने जैसा हो। ऐसा इसलिए कि दुर्ग जिले में दो-दो एसएसपी बदल चुके हैं लेकिन फरियाद थाने की फाइलों में धूल खाते पड़ी हुई है। ऐसा भी नहीं कि एसएसपी के कानों तक पीड़ित की दरख्वास्त न पहुंची हो लेकिन इसके बावजूद नतीजा सिफर ही रहा।

हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मामले की जिसमें पीड़ित एक आम आदमी है, वहीं आरोपी भिलाई नगर निगम के एक एल्डरमैन शादाब खान और उसका पिता इसराफिल है। दोनों बाप बेटे पर भिलाई के फरीद नगर में रहने वाले एक व्यक्ति मोहम्मद कासिफ ने दुर्ग एसएसपी के पास धोखाधड़ी औऱ जालसाजी कर रकम ऐंठने की शिकायत की है। पहली शिकायत साल 2017 में की गई लेकिन तीन साल बाद भी मामले में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

यह है मामला

मोहम्मद कासिफ के अनुसार शादाब खान का पिता मोहम्मद इशराफिल ने खुद को महानदी मिनरल्स कंपनी का मालिक बताते हुए 2014 में कंपनी में पैसा लगाकर रकम दोगुना करने का प्रलोभन दिया। जिसके बाद प्रार्थी ने कंपनी में 5 लाख चेक के माध्यम से व 2 लाख 40 हजार नगद दिया था। मो. शादाब जो कि मो. इशराफिल का पुत्र है और वर्तमान में भिलाई नगर निगम में एल्डरमैन के पद पर है, उसने इस पैसे को क्रेशर प्लांट में लगाने का उसे झांसा दिया। इसके साथ ही आरोपी शदाब ने क्रेशर प्लांट में हाइवा गाड़ी की जरूरत बताते हुए प्रार्थी से 25 लाख की कीमत की गाड़ी फाइनेंस करवा ली और उसे 1 लाख 20 हजार मासिक किराए पर रख लिया लेकिन 14 माह बीत जाने के बाद भी आरोपियों ने कोई भी भुगतान नहीं किया। वहीं उनके द्वारा दिया गया चेक भी बाउंस हो गया।

जिसके बाद पीड़ित ने अपने पैसे की उनसे मांग की, आरोपियों ने अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने का झांसा दिया गया और पैसों के बदले प्लाट लेने के लिए कहा। पीड़ित के अनुसार उसने प्लाट की तस्दीक की तो पता चला कि बताया गया प्लाट उनका नहीं बल्कि रायपुर के किसी फर्म का निकला। पीड़ित का आऱोप है कि उसके बाद उसने पुनः आरोपियों से अपने पैसों की डिमांड की तो उन्होंने उसे धमकाने लगे।

पीड़ित का कहना है कि उसने आरोपियों की कंपनी महानदी मिनरल्स के बारे में आरटीआई लगाकर जानकारी ली तो पता चला कि उनकी कंपनी फर्म एंड रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत नहीं है, साथ ही वाणिज्यकर विभाग को कंपनी द्वारा कोई टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता।

जिसके बाद पीड़ित ने फरवरी 2017 में सुपेला थाना में की जब सुपेला पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उसने अप्रैल माह में तत्कालीन सीएसपी भिलाई के पास दरख्वास्त दी। उसके बाद भी जब किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई तो चार महीने बाद एसएसपी का दरवाजा खटखटाया। पीड़ित का कहना है कि उसने लेनदेन का इकरार नामा, हाइवा वाहन का किरायानामा, आरोपियों द्वारा रकम के बदले दिये गए चेक की कॉपी, चेक बाउंस होने के दस्तावेज भी जमा किये थे लेकिन तीन साल बाद भी पुलिस की जांच पूरी नहीं हो सकी। इन तीन सालों में जिले के दो एसएसपी भी बदल गए लेकिन उसकी गुहार अनसुनी ही रह गई। अब पीड़ित ने तीन साल बाद एक बार फिर एसएसपी के सामने न्याय की गुहार लगाई है।

जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी

इस मामले में एडिशनल एसपी रोहित झा से बात करने पर उनका कहना था कि हमारे पास प्रार्थी मो. कासिफ के द्वारा दी गई वर्तमान की शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

उधर इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता और भिलाई नगर निगम के एल्डरमैन शादाब खान से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को ही झूठा करार दिया लेकिन जब उनसे पीड़ित को दिये गए चेक और इकरारनामे के बारे में सवाल किया गया तो वो बगले झांकने लगा।