रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे आ गए, लेकिन महापौर पर दांव-पेच बाकी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना जारी होते ही कांग्रेस-बीजेपी में उन निगमों में महापौर बनाने की जद्दोजहद तेज हो गई है, जहां मामला बेहद करीब का है. इस बीच रायपुर नगर निगम की तस्वीर सबसे ज्यादा चौकाती नजर आ रही है, जहां बीजेपी ने बड़ी रणनीतिक चाल चली है. बीजेपी की एक गोपनीय बैठक में यह तय किया गया है कि किसी भी सूरतेहाल में कांग्रेस को एकतरफा मैदान मारने नहीं दिया जाएगा. यानी साफ है बीजेपी अपना प्रत्याशी जरूर उतारेगी. हालांकि सूत्र बताते हैं कि बीजेपी ने इसके लिए निर्दलीय प्रत्याशियों को डोरे डालने शुरू कर दिए हैं, वहीं कोशिश इस बात को लेकर भी है कि बड़ी संख्या में जीतकर आए कांग्रेस पार्षदों के खेमे से क्रास वोटिंग कराई जाए.

इसी बीच कांग्रेस ने यह कह दिया है सभी 10 नगर निगम में महापौर हमारा ही होगा. सभी नगर निगम से उन्हें निर्दलियों का समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस ने राजनाँदगाँव से दो निर्दलियों के कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान भी किया है. वैसे निर्दलियों ने भी अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है. इस स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा कि छत्तीसगढ़ के सभी 10 नगर निगम में कांग्रेस का महापौर बनना लगभग तय है. राजनांदगांव, बिलासपुर, धमतरी और कोरबा में निर्दलियों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है. वहीं रायपुर, दुर्ग और रायगढ़ में ही अभी घोषणा बाकी है. हालांकि भाजपा कोरबा में कांग्रेस के मुकाबले बहुत मजबूत है. क्योंकि वहाँ निर्दलियों के समर्थन मिलने के बाद भी अभी बहुमत से कांग्रेस दूर है. कांग्रेस को कोरबा में 3 निर्दलियों को समर्थन मिल चुका है. लेकिन बहुमत तक पहुँचने के लिए अभी भी 5 निर्दलियों को समर्थन चाहिए, जबकि भाजपा को सिर्फ 3 का साथ चाहिए.

नगर निगम में सियासी समीकरण को इस तरह समझे
राजधानी रायपुर में महापौर का ताज कांग्रेस के हिस्से न जा पाए इसे रोकने बीजेपी हर रणनीति पर काम कर रही है. बीते रविवार बीजेपी की हुई एक गोपनीय बैठक में यह तय किया गया है कि निर्दलीय पार्षदों के साथ-साथ क्रास वोटिंग कराकर बीजेपी अपना महापौर बनाएगी, हालांकि बीजेपी की यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है? रायपुर नगर निगम की 70 सीटों में से 34 सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि 29 सीटों पर बीजेपी और 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर आए हैं. ऐसे में महापौर बनाने के लिए बीजेपी के पास सात पार्षदों की कमी है. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि सात निर्दलीय उम्मीदवारों में से पांच ऐसे हैं, जो बीजेपी के बागी प्रत्याशी रहे हैं. ऐसे में बीजेपी इन निर्दलीय उम्मीदवारों को साधने की कोशिश में जुट गई है. साथ ही कांग्रेस के पार्षदों पर भी बीजेपी क्रास वोटिंग के लिए डोरे डाल रही है. बीजेपी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत को दी है. दूसरी तरफ कांग्रेस को रायपुर में बहुमत के लिए सिर्फ दो का समर्थन चाहिए. लिहाजा कांग्रेस का दावा कि हर हाल में पार्टी इस पू्र्ण बहुमत के साथ अपना महापौर बना लेगी.

बात धमतरी नगर निगम की करे तो यहाँ तीन निर्दलीय पार्षदों के कांग्रेस प्रवेश किए जाने के साथ ही कांग्रेस को बहुमत मिल गया है. धमतरी में कांग्रेस 18, भाजपा 17, अन्य 5 सीटों में सफलत मिली. यहाँ कुल पार्षदों की संख्या 40 है. ऐसे में बहुत के लिए 21 आंकड़ा चाहिए था, जो कांग्रेस ने निर्दलियों का साथ मिलने के बाद पूरा कर लिया है.

इसी तरह से बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल चुका है. कांग्रेस की बागी प्रत्याशी रही संध्या तिवारी ने वापस पार्टी में प्रवेश करते हुए समर्थन दे दिया है. उनके कांग्रेस में आने के बाद बहुमत के लिए एक सीट की कमी दूर हो गई है. बिलासपुर में कुल 70 वार्ड है. इसमें भाजपा को 30, जबकि कांग्रेस को 35 में जीत मिली थी. वहीं राजनांदगांव की बात करे तो यहाँ दो निर्दलियों ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया. इसके साथ कांग्रेस का यहाँ आकंड़ा अब 24 का पहुँच चुका है. हालांकि अभी पूर्ण बहुमत के लिए 2 और साथी की जरूर है, जबकि बीजेपी के 21 पार्षद चुनकर आए हैं, बीजेपी को बहुमत के पांच पार्षदों की जरूरत है. फिलहाल कांग्रेस का यहाँ पलड़ा भारी है.

वहीं चिरमिरी, अंबिकापुर, जगदलपुर निगम में पूर्ण बहुमत के साथ जीतकर आ चुकी है. लेकिन जहाँ तक दुर्ग और रायगढ़ नगर निगम का सवाल है तो यहाँ कांग्रेस को बहुमत के लिए एक-एक निर्दलीय का साथ चाहिए. इन तमाम आंकड़ों के बावजूद बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस को एकतरफा बढ़त नहीं देने देंगे. भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि हमारी भी पूरी तैयारी है. कांग्रेस सत्ता के बलबुते पर जो भी तैयारी कर ले, लेकिन हमने भी अपनी रणनीति तैयार की है. महापौर हमारा भी होगा.

वहीं कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का दावा है कि सभी 10 नगर निगम में महापौर हमारा ही होगा. निर्दलियों का कांग्रेस में प्रवेश जारी है. जनता ने बीजेपी को खारिज कर दिया है. बहुमत कांग्रेस के पक्ष में है.

बहरहाल कांग्रेस-भाजपा के दावों में किसका दावा सही साबित होगा यह 6 जनवरी तक साफ हो जाएगा. राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर सप्ताह भर में चुन लिए जाएंगे.