सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। नगरीय निकाय निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार पर निगरानी की जाएगी. इसके लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया में चुनाव प्रचार-प्रसार के पूर्व अनुमति जरूरी होगी. इसके साथ ही विज्ञापनों के प्रमाणन के लिए जिलों में मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) गठित की गई है. टीवी चैनल, केबल टीवी चैनल, रेडियो, सिनेमा घर, समाचार पत्र में विज्ञापन के साथ बल्क एसएमएस/वाइस मैसेज के लिए एमसीएमसी का प्रमाणन अनिवार्य होगा.

नगरीय निकाय निर्वाचन के प्रचार प्रसार पर निगरानी एवं विज्ञापनों के प्रमाणन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा, इसके सदस्य सचिव सम्बंधित जिले में पदस्थ जिला जनसंपर्क अधिकारी/उप संचालक/सहायक संचालक जनसंपर्क होंगे. वहीं सदस्य के रूप में कलेक्टर द्वारा मनोनीत जिले में प्रचलित प्रमुख समाचार पत्रों के संवाददाताओं में से एक प्रतिनिधि शामिल होगा. दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, कोरिया, सूरजपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, कांकेर, सुकमा, बीजापुर, महासमुंद, बेमेतरा, कोंडागांव, धमतरी में एमसीएमसी का गठन किया जा चुका है.

एनसीएमसी का होगा यह काम

जिला स्तरीय समिति के अंतर्गत प्रिण्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक, सोशल मीडिया सेल का गठन किया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रसारित किए गए विज्ञापन एवं समाचारों पर नजर रखी जाएगी. प्रिण्ट मीडिया के विज्ञापनों में पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन ई-पेपर में प्रकाशन के लिए विज्ञापनों का प्रमाणन आवश्यक होगा. इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए भी पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता होगी, इसके लिए निर्धारित प्रपत्र में दो सीडी के साथ एमसीएमसी कमेटी के समक्ष 36 घंटे पहले नियत प्रारूप में आवेदन देना होगा.

पेड न्यूज पर होगा निर्णय

पेड न्यूज संज्ञान में आने पर मीडिया प्रमाणन समिति द्वारा परीक्षण कर निर्णय लिया जाएगा, पेड न्यूज और विज्ञापन का खर्च की गणना डीएव्हीपी की निर्धारित दर के अनुसार की जाएगी, कमेटी द्वारा प्रेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रति दिन प्रतिवेदन दिया जाएगा. टीवी चैनल चेनल पर प्रसारित राजनैतिक विज्ञापन समिति द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही दिखाए जा सकेंगे. प्रमाणन मुख्यतः आदर्श आचरण सहिंता से जुड़ा हुआ कार्य है.

राजनैतिक विज्ञापन नहीं

सामाजिक समरसता को बिगाड़ने, तनाव बढ़ाने देश के संविधान और कानून के विपरीत होने, नैतिकता सदाचार के विपरित, किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन की अनुमति नहीं दी जाएगी. चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद से ही आचार संहिता भी लागू हो जाती है. टीवी, केबल, रेडियो, ई-पेपर, सिनेमा घरों और सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य श्रव्य माध्यम से बिना पूर्व प्रमाणन के कोई राजनैतिक विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा.