पटना। बिहार के कई जिलों-पटना, गया, दरभंगा और भागलपुर- में अवैध कब्जों पर लगातार प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। अब इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर भी शामिल हो गया है जहां बूढ़ी गंडक नदी की जमीन पर बसे सैकड़ों परिवारों पर बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अतिक्रमण पूरी तरह हटाया जाएगा।

बूढ़ी गंडक किनारे वर्षों से बसा अतिक्रमण

शहर के बीच बहने वाली बूढ़ी गंडक नदी के किनारे खासकर सिकंदरपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में परिवार वर्षों से नदी की पेटी में रह रहे हैं। कर्पूरी नगर के नाम से बसा यह इलाका पूरी तरह अवैध कब्जे पर खड़ा है। अधिकतर लोग भूमिहीन हैं और मजबूरी में झोपड़ियां बनाकर रहते हैं। हर साल बारिश और जलस्तर बढ़ने पर इन्हें बाढ़ जैसी स्थिति झेलनी पड़ती है लेकिन रहने के लिए इनके पास दूसरा विकल्प नहीं है।

निजी जमीन का दावा, प्रशासन कर रहा सत्यापन

कई मकान पक्के रूप में बने हैं, जिनके मालिक निजी जमीन और विधि-सम्मत रजिस्ट्री का दावा करते हैं। हालांकि SDM व प्रशासनिक टीम अब यह जांच कर रही है कि कौन-सी जमीन नदी की प्राकृतिक धारा का हिस्सा है और किन क्षेत्रों में वास्तविक अतिक्रमण हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि नदी की पेटी में बसे इन मोहल्लों के कारण जलधारा बाधित होती है शहर की जल निकासी प्रभावित होती है और हर साल बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।

अतिक्रमण मुक्त होने पर मिलेगी राहत

बूढ़ी गंडक के किनारे से अतिक्रमण पूरी तरह हटाए बिना शहर को बाढ़ से स्थायी राहत नहीं मिल सकती। प्रशासन अब बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी में है।

SDM बोले- ढिलाई नहीं बरती जाएगी

इस बीच SDM पूर्वी तुषार कुमार ने साफ कहा है कि अब किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि नदी की जमीन पर अतिक्रमण कर चुके सभी लोगों को हटाया जाएगा। यदि कोई परिवार भूमिहीन है तो उन्हें वासकित पर्चा देकर दूसरी सुरक्षित जगह बसाने की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन जल्द ही चिह्नित क्षेत्रों का सर्वे कर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू करने वाला है। मुजफ्फरपुर में बुलडोजर कार्रवाई शुरू होते ही न केवल कर्पूरी नगर बल्कि आसपास के अन्य अतिक्रमित इलाकों पर भी असर पड़ सकता है।