नाग पंचमी (Nag Panchami) सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू धर्म में नागों की पूजा का विशेष महत्व है. इस साल नाग पंचमी (Nag Panchami) का त्योहार 21 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन सावन सोमवार भी है. इस दिन महिलाएं सांपों को दूध देकर नाग देवता की पूजा करती हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नागों की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति, अनंत धन और मनचाहे परिणाम मिल सकते हैं.

बता दें कि कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे काम है जो नाग पंचमी (Nag Panchami) पर नहीं करना चाहिए, वरना आने वाली 7 पीढ़ियों तक इसका दोष लगता है. आइए जानते हैं नाग पंचमी का मुहूर्त, सर्पों की पूजा का महत्व और नियम. Read More – अब डायरेक्टर बनने वाली हैं Disha Patani, Youtube पर शेयर किया Video …

शुभ मुहूर्त

सावन शुक्ल पंचमी तिथि 21 अगस्त को रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 22 अगस्त को रात 2 बजे समाप्त होगी. नाग पंचमी की पूजा का मुहूर्त सुबह 5 बजे 33 मिनट से 8 बजे 30 मिनट तक होगा.

पूजन विधि

नाग पंचमी (Nag Panchami) में आठ देवताओं को मानते हैं. इस दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख को पूजा जाता है. नाग पंचमी से एक दिन पहले चतुर्थी के दिन एक बार खाना खाना चाहिए, फिर पंचमी के दिन उपवास करके शाम को खाना चाहिए. लकड़ी की चौकी पर नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को पूजा करने के लिए रखा जाता है. फिर नाग देवता को हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल चढ़ाकर पूजा की जाती है. लकड़ी के पट्टे पर बैठे सर्प देवता को कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर अर्पित किया जाता है. सर्प देवता को पूजन करने के बाद आरती उतारी जाती है. आप चाहें तो किसी सपेरे को कुछ दक्षिणा देकर सर्प को यह दूध पिला सकते हैं. अंत में, आपको नाग पंचमी की कहानी सुननी चाहिए.

नाग पंचमी पर सर्पों की पूजा का लाभ

भविष्य पुराण के अनुसार सर्प काटने से किसी की मौत हुई हो तो उनकी सद्गति नहीं होती. ऐसी आत्माओं को मोक्ष नहीं मिलता. ऐसे में नाग पंचमी (Nag Panchami) पर नाग देवता की पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं रहता, साथ ही जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई है उन्हें मुक्ति मिलती है.

ब्रह्मपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सर्पों को नाग पंचमी के दिन पूजे जाने का वरदान दिया है. इस दिन अनंत, वासुकी, तक्षक, कारकोटक और पिंगल नाग की पूजा का विधान है. इनकी पूजा से राहु-केतु जनित दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. Read More – Aks फिल्म की शूटिंग के दौरान रखा फ्रेंच शेव, जानिए क्यों इसी स्टाइल में नजर आते हैं अमिताभ बच्चन …

नाग पंचमी पर न करें ये काम

नाग देवता के समान – हिंदू धर्म में सर्पों को देवता माना जाता है. वैसे तो सर्प को कभी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए लेकिन खासकर नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन सांपों को कष्ट न पहुंचाएं. ऐसा करने पर आने वाली सात जन्मों तक पीढ़ियों को दोष लगता है.

वंशज को होता है नुकसान – इस दिन किसी भी कार्य के लिए जमीन की खुदाई न करें. ऐसा करने सें मिट्टी या जमीन में सांपों के बिल या बांबी के टूटने का डर रहता है. कहते हैं सांपों को नुकसान पहुंचने पर वंश का नाश हो जाता है. संतान सुख नहीं मिलता.

पूजा में न करें ये गलती – इस दिन जीवित सांप को दूध न पिलाएं. सांप के लिए दूध जहर के समान हो सकता है, इसलिए सिर्फ उनकी प्रतिमा पर ही दूध अर्पित करें.

नुकीली वस्तु से न करें काम – नाग पंचमी पर नुकीली और धारदार वस्तुओं जैसे चाकू, सूई का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है. इस दिन सिलाई, कढ़ाई नहीं की जाती.

क्यों नहीं होता तवा का उपयोग – नाग पंचमी (Nag Panchami) पर लोहे की कड़ाही और तवे में खाना न पकाएं. मान्यता के अनुसार रोटी बनाने के लिए जिस लोहे के तवे का इस्तेमाल किया जाता है उसे नाग का फन माना जाता है.