लोकेश साहू, धमतरी. जिले के नगरी जनपद पंचायत में मची राजनीतिक घमासान में भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्ष पिंकी शिवराज शाह और उपाध्यक्ष रामदयाल साहू को अविश्वास प्रस्ताव के बाद हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद अध्यक्ष के खिलाफ मतदान करने वाले तीन भाजपा सदस्यों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है.

बता दें कि नगरी जनपद अध्यक्ष पिंकी शिवराज शाह और उपाध्यक्ष रामदयाल साहू पर मनमानी का आरोप हुए 21 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन लगाया था. जिस पर कलेक्टर रजत बंसल ने अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन और वोटिंग के लिये 13 मई 2019 की तिथि निर्धारित की थी. तय समयसीमा के अनुसार दोपहर 12 बजे नगरी जनपद सभाहाल में सभी जनप्रतिनिधियों के बीच चर्चा हुई, जिसमें सभी ने अपनी अपनी बातें रखी, इसके बाद मतदान हुआ. मतों की गिनती में पिंकी शिवराज शाह के खिलाफ कुल 21 मत पड़े, वहीं उनके पक्ष में केवल 4 मत पड़े. इस तरह पिंकी शिवराज को जनपद अध्यक्ष की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.

विधानसभा चुनाव में भी मिली थी हार

बता दें कि पूर्व विधायक पिंकी शिवराज शाह को विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा पार्टी ने फिर से सिहावा विधानसभा के लिए प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस की डॉ. लक्ष्मी ध्रुव से करारी हार का सामना करना पड़ा था. डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने पिंकी शिवराज शाह को 45,000 से भी अधिक वोटों से पराजित किया था. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद जनपद अध्यक्ष की कुर्सी ही उनके पास रह गई थी, लेकिन अब इस कुर्सी से भी उन्हें हाथ धोना पड़ा है.

सत्ता के दबाव का लगाया आरोप

हार के बाद पिंकी शिवराज शाह ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन के दबाव में अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन बुलाया गया है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और आगे भी उनकी लड़ाई जारी रहेगी. भाजपा के कुछ सदस्यों का कांग्रेस को समर्थन देने की बात को लेकर पिंकी शिवराज शाह ने कहा कि जिन्होंने कांग्रेस का साथ दिया वे कभी भी भाजपाई थे ही नहीं, वे केवल अवसरवादी थे, जब भाजपा की सरकार थी तब वे अपना काम निकालने के लिए भाजपा के साथ जुड़े रहे और सरकार बदलते ही उन्होंने अपना पाला भी बदल लिया.

भाजपा के 3 सदस्य 6 साल के लिए निष्कासित

अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन के दौरान नगरी में मौजूद भाजपा जिला अध्यक्ष रामू रोहरा ने कहा है कि एक तरफ पूरे देश में आचार संहिता लागू है. लोकसभा चुनाव के अलावा किसी भी चुनाव की अनुमति नहीं है ना ही किसी अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन के लिए कोई छूट दी गई है. इसके बावजूद लोकतंत्र की हत्या करते हुए विश्वास का सम्मेलन का आयोजन किया गया. भाजपा जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस के पक्ष में वोट करने वाले तीन सदस्य पिंगल गोटा, अजय ध्रुव और मुकेश बघेल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

 

अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष ने भी गंवाई कुर्सी

धमतरी के नगरी जनपद पंचायत में भाजपा पार्टी को बड़ा झटका लगा है. यहां अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन और मतदान के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है. आपको बता दें कि जनपद पंचायत के 21 सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन के लिए आवेदन लगाने के बाद कलेक्टर रजत बंसल ने 13 मई की तिथि सम्मेलन और मतदान के लिए निर्धारित किया था. तय समयसीमा के अनुसार दोपहर 12 बजे जनपद अध्यक्ष शिवराज शाह के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन और मतदान हुआ, जिसमें पिंकी शिवराज शाह के विपक्ष में 21 मत पड़े और उन्हें अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा. इसके ठीक बाद दोपहर 2 बजे उपाध्यक्ष रामदयाल साहू के अविश्वास प्रस्ताव पर सम्मेलन और मतदान हुआ, जिसमें उपाध्यक्ष के विपक्ष में 20 मत पड़े और पक्ष में केवल 4 वोट पड़े एक वोट को रिजेक्ट कर दिया गया.इस अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष को भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है. इन दोनों की कुर्सी जाने को बड़ा झटका भाजपा के लिए माना जा रहा है.