नई दिल्ली . यमुना को प्रदूषित करने के लिए बदनाम नजफगढ़ नाला आने वाले समय में सौर ऊर्जा के उत्पादन का बड़ा केंद्र बन सकता है. नाले के किनारे लगभग छह किलोमीटर में सोलर पैनल लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है.
नजफगढ़ नाला दिल्ली के सबसे बड़े नालों में शामिल है. लगभग 57 किलोमीटर की लंबाई वाले इस नाले के जरिए बड़ी मात्रा में गंदा पानी यमुना नदी में जाता है. यमुना के पानी को प्रदूषित करने के लिए भी इस नाले को एक बड़ा जिम्मेदार माना जाता है. यही कारण है कि हाल में नाले के पानी को शोधित करने और नाले की गाद निकालने का काम किया जा रहा है. हाल में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना में जमे गाद को इसमें आई बाढ़ का प्रमुख कारण माना है. गाद को निकालने के लिए विस्तृत अभियान चलाया जा रहा है, जबकि नजफगढ़ नाले के किनारे सौंदर्यीकरण करने पर भी जोर है.
यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति की हालिया बैठक के मुताबिक नजफगढ़ नाला किनारे सोलर पैनल लगाने के लिए सर्वेक्षण किया गया था. इसमें ढांसा से घुम्मनहेड़ा तक छह किलोमीटर की लंबाई वाला नाले का हिस्सा सोलर पैनल लगाने के उपयुक्त पाया गया है.