रिपोर्ट:शिवा यादव:दोरनापाल। एक और जहा नक्सल मोर्चे पर पुलिस लड़ाई लड़ रही है वही दूसरी और पुलिस एक ऐसा कार्यक्रम चला रही है जिसमे अंदरूनी इलाको के ग्रामीणों और बच्चों को जागरूक किया जा रहा है। भटके हुए लोगो को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस का ये रूप भी नक्सल इलाको में देखा जा सकता है।

सुकमा जिला जिसे सभी नक्सल गढ़ के रूप में जानते है। और जिस तरह यहां पुलिस नक्सलियों से लोहा ले रही है। उसी तरह आने वाले भविष्य के बारे में और उसे सुधारने की कोशिश में भी लगी हुई है। और उस अभियान का नाम तेंदमुत्ता बस्तर अभियान दिया है। जिसका हिंदी अर्थ उठता बस्तर है। उसी के तहत पोलमपल्ली में अति नक्सल प्रभावित ग्राम सिलगेर, उरसांगल एवम जगरगुंडा के आश्रम भी संचालित है। पोलमपल्ली में कक्षा 1 से 10 तक लगभग 1000 बच्चे शिक्षा प्राप्त करते है। यहाँ पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे ऐसे गांव से है, जिसे हम नक्सलगढ़ कहते है, डुब्बामरका, एंटापाढ़, मिलंपल्ली तिम्मापुरम, सिलगेर, भट्टपाढ़, जग्गावरम, कोर्रापाढ़, डब्बाकोन्टा, तुमालपाढ़, पिड़मेल, करीगुंडम, मिनपा आदि ग्राम के बच्चें यहाँ रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इन ग्रामों में स्कूल एवम आश्रम का संचालित होना संभव नहीं है, क्योंकि नक्सली नहीं चाहते की ये बच्चे शिक्षा ग्रहण करे, इसलिए इन आश्रमो का संचालन पोलमपल्ली से किया जा रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि इन बच्चो को नक्सलवाद के खिलाफ जागरूक कर उन्हें बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराकर उज्जवल भविष्य बनाने हेतु लगातार मार्गदर्शन किया जाये। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि ये बच्चे उन गाँवो से है जो अति नक्सल प्रभावित है, इसलिए उचित मार्गदर्शन के आभाव में कहिं गलत राह ना पकड़ ले।
दोरनापाल के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी विवेक शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हमने यहाँ अध्ययनरत सभी बच्चों को पोटा केबिन पोलमपल्ली में एकत्रित किया, एवं इन बच्चों को शिक्षा के प्रति अभिप्रेरित करने के लिए पिछले शैक्षणिक सत्र में कक्षा 1 से 10 तक प्रवणीय सूची में आये बच्चों को हमारे द्वारा पुरुस्कार के रूप में स्कूल बैग एवम अन्य सामग्री प्रदान की गयी।। बच्चों को कैरियर गाइडेन्स के तहत बताया कि वे कैसे इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, प्रशासनिक अधिकारी आदि बन सकते है, साथ ही हमारे द्वारा बताया गया कि कैसे गणित, जीवविज्ञान, वाणिज्य, आर्ट्स विषयों को चुनने के बाद आप इन विषयों में बेहतर भविष्य बना सकते है।


यहाँ उपस्थित बच्चो से पुलिस ने उनकी समस्या जानी, जहाँ बच्चों ने जाति प्रमाण पत्र संबंधी समस्या बताई जिसे शुक्ला ने कलेक्टर महोदय के माध्यम से दूर करने का वादा किया। साथ ही यहाँ क्विज कॉम्पिटिशन भी आयोजित किया सही जवाब देने वाले बच्चे को पुरस्कृत भी किया गया।

अंदरूनी इलाको में प्रतिभा की कमी नही – विवेक शुक्ला

आज स्कूल जाकर बच्चों से मिलकर बहुत अच्छी अनुभूति हुई, डुब्बामरका, एंटपाढ़, सिलगेर जैसे ग्रामों के बच्चें जब प्रवणीय सूची में उच्च स्थान प्राप्त किये तो हमें खुशी एवम आश्चर्य दोनों हुआ, और एहसास हुआ कि इन क्षेत्रों के बच्चें किसी से कम नही है, यदि इन्हें उचित शिक्षण एवम मार्गदर्शन मिले तो वे काफी कुछ कर सकते है।