भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड में अहम बदलाव करने पर विचार कर रहा है। भविष्य में इसमें से नाम, पता, पिता का नाम यानी पर्सनल जानकारी हट जाएगी और केवल धारक की फोटो और QR कोड रह सकता है। UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में बताया कि आधार की कॉपी से होने वाले मिसयूज को रोकने के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। इसके बाद आधार कार्ड देखने और उसकी फोटोकॉपी जमा कराने पर भी दूसरे किसी व्‍यक्ति, संस्‍था, कार्यालय या कंपनियों के पास आपकी डिटेल नहीं जाएगी।

Aadhaar 2.0 धमाका: अब आधार होगा पूरी तरह डिजिटल — सिर्फ QR कोड और फोटो से  होगी पहचान - Online Sapne

खासतौर से होटलों, टेलीकॉम सिम बेचने वाले, कॉन्‍फ्रेंस, सेमिनार वगैरह के आयोजक आपके आधार की फोटोकॉपी का गलत इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे। UIDAI दिसंबर 2025 में नए नियम लागू करने की योजना बना रहा है। इसके लिए UIDAI जल्द ही आधार का नया मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा। यह ऐप आधार धारकों को बिना फोटोकॉपी के डिजिटली पहचान शेयर करने, पूरी या चुनिंदा जानकारी वेरिफाई कराने की सुविधा देगा। नया ऐप पहचान को डिजिटली शेयर करने की प्रक्रिया को ज्यादा सुरक्षित, सरल और कागज रहित बनाएगा।

नए आधार में क्या क्या होगा…

  • भविष्य में कार्ड पर सिर्फ फोटो + Secure QR कोड हो सकता है। नाम भी प्रिंट हो सकता है लेकिन आधार संख्या दिखाई नहीं देंगे।
  • QR कोड को कस्टम ऐप या UIDAI द्वारा प्रमाणित टूल से स्कैन किया जा सकेगा, जिससे विवरण ऑनलाइन वेरिफाई होगा।
  • ऑफलाइन वेरिफिकेशन यानी कार्ड की फोटोकॉपी के जरिए पहचान कराने का तरीका धीरे-धीरे कम किया जाएगा।
  • अभी आधार कार्ड पर नाम, आधार संख्या, फोटो, QR कोड होते हैं। वहीं वेरिफिकेशन का तरीका ऑफलाइन और ऑन-लाइन दोनों ही हैं। ऑफलाइन में फोटोकॉपी और डेटा के मिसयूज का जोखिम रहता है।

यह बदलाव क्यों जरूरी है?

फोटोकॉपी से डेटा चोरी

होटल, इवेंट ऑर्गनाइजर, डिलीवरी बॉय, जिम आदि अक्सर आधार की फोटोकॉपी मांगते हैं। फोटोकॉपी में सारी पर्सनल जानकारी दिख जाती है। यह डेटा का दुरुपयोग और पहचान की चोरी (identity theft) का कारण बन सकता है।

कानून का उल्लंघन

आधार अधिनियम के अनुसार, किसी भी संस्था को आधार की फिजिकल कॉपी या फोटोकॉपी रखने का अधिकार नहीं है। फिर भी कई संस्थाएं यह करती हैं।

गोपनीयता की सुरक्षा

नया डिजाइन डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप होगा, जो 18 महीनों में पूरी तरह से लागू होगा।

फर्जी आधार पर रोक

QR कोड बेस्ड सिस्टम से नकली आधार बनाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

बदलाव करने के कारण…

  • आधार कार्ड की बार-बार कॉपी होती हैं, जो पहचान और डेटा का गलत इस्तेमाल बढ़ा सकती हैं।
  • QR कोड आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम ने डिजिटल रूप से पहचान को ज्यादा सुरक्षित बनाया है।
  • कार्ड पर कम डिटेल्स होने से प्रिंटेड डॉक्यूमेंट विश्वसनीय होते हैं, ऐसी धारणा कम होगी।
  • आधार कार्ड पर अन्य जानकारी नहीं होने से फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाने वालों को चुनौती मिलेगी।

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