हकीमुद्दीन नासिर, महासमुंद. कम लागत, कम मैन पावर को बढ़ावा देने के साथ रासायनिक खाद के कम इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा पैदावार लेने के लिए इफको कंपनी नैनो यूरिया को बढ़ावा दे रही है. नैनो यूरिया एक लिक्विड यूरिया है. जिससे किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावर मिलेगी.

अमूमन 1 एकड़ की फसल में किसान दानेदार 50 किलो यूरिया का इस्तेमाल करता है. जिसकी कीमत लगभग 270 रुपये है. लिक्विड यूरिया एक एकड़ में 500 ml ही इस्तेमाल होता है. जिसकी कीमत करीब 240 रुपये पड़ती है. इसी कड़ी में इफको कंपनी ने झालखम्हरिया सोसायटी में नैनो यूरिया का ड्रोन के माध्यम से डेमो दिया. एक एकड़ में ड्रोन के जरिए महज 8 मिनट में नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया.

पारंपरिक यूरिया का अच्छा विकल्प

झालखम्हरिया सोसायटी में 11 एकड़ में नैनो यूरिया का प्रदर्शन किया गया. मुख्य क्षेत्र प्रबंधक इफको महासमुंद ने बताया कि ड्रोन 250 पार्टिकल प्रति इंच छिड़काव की क्षमता रखता है. जो परंपरागत छिड़काव पद्धति से कई गुना ज्यादा है. इससे नैनो यूरिया की खपत भी कम होगी. साथ ही पौधे की पत्तियों द्वारा यूरिया का पूर्ण अवशोषण भी होगा. इफको की ओर से किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नैनो तरल यूरिया (Nano Urea liquid) तैयार किया गया है. जो फसलों के लिए पारंपरिक यूरिया का अच्छा विकल्प है.

लागत, समय, मैन पावर सबकी होगी बचत- किसान

नैनो यूरिया लिक्विड पारंपरिक रूप से उपयोग किए जा रहे दानेदार यूरिया से सस्ता है. साथ ही पर्यावरण के अनुकूल है. डेमो देखने आए किसानों का कहना है कि इस पद्धति से मैन पावर, लागत, समय सबकी बचत होगी. ये किसान को प्रगतिशील बनाने में मदद करेगा. वहीं कलेक्टर का कहना है कि किसानों के लिए ये पद्धति काफी कारगर साबित होगी. इस पद्धति के प्रति सभी किसानो को जागरुक किया जाएगा.

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