Narada Jayanti 2025: नारद मुनि जयंती आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है. यह पर्व ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष यह तिथि 12 मई रात 10:25 बजे से शुरू होकर 14 मई दोपहर 12:35 बजे तक है. इसलिए उदय तिथि के अनुसार नारद जयंती आज मनाई जा रही है.
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भारत का इकलौता नारद मुनि मंदिर (Narada Jayanti 2025)
भारत में देवर्षि नारद मुनि का एकमात्र मंदिर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के गुन्नौर गांव में स्थित है, जिसे ‘देवर्षि नारद धाम’ के नाम से जाना जाता है. यह स्थान लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग दो किलोमीटर दक्षिण, कादूनाला वन क्षेत्र में स्थित है.
इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसी स्थान पर नारद मुनि ने तपस्या की थी. यहां एक प्राचीन अर्धनारीश्वर शिव मंदिर भी स्थित है, जिसके पास एक विशाल वटवृक्ष है.
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कहा जाता है कि जब हिरण्यकश्यप की पत्नी कयाधू के गर्भ में भक्त प्रह्लाद थे, तब इंद्र के प्रकोप से उन्हें बचाने के लिए नारद मुनि उन्हें इस स्थान पर लाए थे और यहीं उन्हें धर्म और भक्ति का उपदेश दिया था. यह भी मान्यता है कि इस स्थान पर इंद्र का वज्र भी निष्फल हो गया था.
अन्य प्रमुख स्थल (Narada Jayanti 2025)
नारद कुंड, गोवर्धन (मथुरा): मथुरा के गोवर्धन पर्वत के पास कुसुम सरोवर के निकट स्थित नारद कुंड भी नारद मुनि की तपस्थली माना जाता है. यहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या की थी. यह स्थान आज भी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.
Narada Jayanti 2025: नारद जयंती पर पूजा विधि
नारद जयंती के दिन श्रद्धालु निम्नलिखित विधि से पूजा करते हैं:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थल की सफाई कर उसमें गंगाजल का छिड़काव करें.
- नारद मुनि की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- धूप, दीप, पुष्प, फल व मिठाई अर्पित करें.
- ‘नारद चालीसा’ का पाठ करें और आरती करें.
- अंत में भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें.
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