कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नारदा स्टिंग केस मामले में एक बार फिर राजनीतिक भूचाल आ गया है. सोमवार की सुबह तृणमूल कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जिन्हें विशेष सीबीआई अदालत ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है. जबकि सीबीआई ने इनको 14 दिन की हिरासत में लेने की मांग की थी. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गिरफ्तारी की पेशकश की थी.
सीबीआई ने सोमवार को कई जगह छापे मारे थे. तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोवन चटर्जी से पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले नेताओं को गिरफ्तार किए जाने पर टीएमसी नेताओं ने लॉकडाउन तोड़ते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन किया. मुख्य द्वार के सामने लगाए गए बैरीकेड्स को तोड़ दिया और केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
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इन चारों नेताओं की गिरफ्तार के बाद सीबीआई ने सभी को विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया था. सीबीआई ने चारों नेताओं को हिरासत में लेना चाहती थी, लेकिन जस्टिस अनुपम मुखर्जी की विशेष अदालत ने इन्हें 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. कोर्ट ने चारों को जांच अधिकारी के बुलावे पर हाजिर होने का निर्देश दिया है. अब जांच एजेंसी इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सामने आया था. इसमें दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किये गए थे. इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
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