डॉ. वैभव बेमेतरिहा, राजनीतिक संपादक

आप निर्मल-निश्च्छल आदिवासी समाज से आते हैं. आप उच्च राजनीतिक परिवार से आते हैं. आप अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं. आप नारायणपुर से कई बार के विधायक हैं. आप न सिर्फ आदिवासी समाज में बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक अनुभवी वरिष्ठ नेता और मंत्री हैं. आपका दायरा बड़ा विस्तारित और व्यापक है. ऐसे में आपसे उम्मीद है कि आप सिस्टम की खामियों को ठीक करेंगे. अव्यवस्था को दूर करेंगे. व्यवस्था को बेहतर से बेहतर और मजबूत करेंगे. जनता के प्रतिनिधि हैं, जतना की कसौटी पर खरा उतरेंगे. लेकिन ये क्या मंत्री जी…! आपके विधानसभा क्षेत्र में छात्रावास का एक वीडियो क्या वायरल हुआ आप नाराज हो गए ? नाराजगी इतनी कि आप छात्रावास की बदहाली के बारे न सुनना चाहते हैं और न देखना. अगर चाहते तो वीडियो बनाने वाले के बारे में आप यह न कहते….

नारायणपुर विधायक और मंत्री केदार कश्यप का कथन-
“पहले तो यह कार्रवाई उस पर होगी जिसने वीडियो बनाया है. क्योंकि बिना अनुमति कोई छात्रावास के अंदर नहीं जा सकता. वीडियोग्राफी नहीं कर सकता.”

मंत्री कश्यप ने यह बात उस वीडियो को लेकर कही है जो उनके ही विधानसभा क्षेत्र के छोटे डोंगर से वायरल है. वायरल वीडियो एकलव्य आवासीय विद्यालय का. इस वीडियो में एक टॉयलेट को रूम बनाकर छात्र रहने और पढ़ने को मजबूर हैं यह दिखाई दे रहा है. अब इस वीडियो बनाने वाले पर कार्रवाई की बात मंत्री जी कह रहे हैं.

मंत्री जी आपको अपने इस बयान के लिए क्षमा मांगनी चाहिए. क्षमा मांगनी चाहिए कि उस अव्यवस्था के लिए जिससे छात्र परेशान हैं. क्षमा मांगनी चाहिए उन छात्रों के अभिभावकों से जिनसे आपने हाथ जोड़ वोट मांगे हैं. जिनसे आप समस्याओं को दूर करने का वादा करके विधायक बने हैं. इन सबके लिए मंत्री जी आपको क्षमा मांगनी चाहिए.

क्षमा इसलिए मांगनी चाहिए क्योंकि साय सरकार ने सुशासन की बात कही है. सुशासन का अर्थ सुंदर शासन है. अगर सुंदर शासन है तो व्यवस्था खराब क्यों ? और खराब व्यवस्था है तो इसे दिखाने वाले से जवाब क्यों ? वीडियो बनाने वाले की इसमें गलती कहां है ? वीडियो बनाने वाले ने तो आपका ही काम आसान किया है. इस बहाने आप छात्रावास और छात्रों की वास्तविक स्थिति को तो जान पाए. अब इस सच को भी देखना नहीं चाहते तो और बात है. हालांकि मुझे लगता है कि आप देखना जरूर चाहेंगे. न सिर्फ वायरल वीडियो से सामने आए सच को, बल्कि इसी तरह की अव्यवस्था कहीं और भी तो नहीं इस सच को.

सच तो सच है मंत्री जी इसे कौन झूठला सकता है. प्रसाधन में रहकर पढ़ने का साधन जाहिर है छात्रों की मजबूरी ही होगी. लेकिन आप इस मजबूरी को अपने बयान से गैरजरूरी न बनाइए. फिर कहूँगा नाराजगी वीडियो बनाने वाले पर नहीं, सिस्टम के जिम्मेदारों पर उतारिये. हमने बनाया हमीं संवारेंगे यह नारा आपकी सरकार का है. इस नारे को जमीन पर उतारिये. छात्रावास को संवारिये, छात्रों को संवारिये नारायणपुर को संवारिये. गलती हुई है तो भूल सुधारिये. आपकी विनम्रता-मधुरता बनी रही रहे. छात्रों के लिए अच्छी व्यवस्था की कहीं कमी न रहे.

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