Manmohan Singh Died: अपने आर्थिक सुधारों के दम पर भारत की अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने वाले पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में 26 दिसंबर (गुरुवार) को निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनसे संबंधित रोचक किस्से और अनछुए बाते सामने आ रही है। इन्हीं बातों में से एक है पाकिस्तान (Pakistan) पीएम नवाज शरीफ (Nawaz Sharif)का यूएन में मनमोहन सिंह पर दिया विवादित भाषण और प्रतिक्रिया में उन्हें नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा धमकी देना।
दरअसल बात वर्ष 2013 की है। उस समय मनमोहन सिंह देश के पीएम थे। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने यूएन में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि हिंदुस्तान के पीएम देहाती औरत जैसे हैं (Manmohan Singh a rustic woman), जो उनकी शिकायत बराक ओबामा से करते हैं। पाकिस्तानी पीएम के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
उस समय नरेन्द्र मोदी मनमोहन सिंह के कट्टर आलोचक थे। भारतीय प्रधानमंत्री पर पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की ओछी बयानबाजी सुनकर उन्हें भी गुस्सा आ गय़ा। वर्तमान प्रधानमंत्री और तत्कालीन सीएम पीएम मोदी ने खुले मंच से पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को धमकी देते हुए कहा था कि हिंदुस्तान में हम अपने पीएम से लड़ेंगे। नीतियों के लिए उनसे झगड़ा करेंगे। लेकिन वे 125 करोड़ के देश के प्रधानमंत्री हैं। नवाज शरीफ ये आपकी कौन सी औकात है कि आप उन्हें देहाती औरत कहकर संबोधित करते हो।
नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा था कि पाकिस्तान का पीएम कहता है कि भारत के पीएम देहाती औरत जैसे हैं और ओबामा के खिलाफ मेरी शिकायत करते हैं। मुझे नहीं पता कि नवाज शरीफ के सामने कौन से हमारे पत्रकार बैठे थे। वे पत्रकार नवाज शरीफ की मिठाई खा रहे थे। उनके सामने हमारे पीएम को नवाज शरीफ देहाती औरत कह रहे थे, भरा बुला कह रहे थे। मेरी उस पत्रकार से अपेक्षा थी कि वे नवाज शरीफ की मिठाई को ठोकर मारकर चल देते।
नरेन्द्र मोदी का तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समर्थन में दिया गया यह बयान उस समय खूब सुर्खियां बटोरी थी। जबकि मोदी उस समय मनमोहन सिंह कट्टर आलोचकों में से एक थे।
केंद्र में थे मनमोहन सिंह और सीबीआई ने की थी मोदी से पूछताछ
बता दें कि नरेंद्र मोदी और तत्कालीन केंद्र सरकार के बीच हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा। यह कड़वाहट और बढ़ गई जब मार्च 2010 में गुजरात दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने नरेंद्र मोदी से 9 घंटे तक लगातार पूछताछ की। उस दौर में नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय नेता के तौर पर उभर रहे थे और गुजरात का विकास मॉडल चर्चित हो रहा था। 2012 में एसआईटी ने गुजरात दंगों के मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद सीबीआई ने 2004 के इशरत जहां एनकाउंटर केस की फाइल खोली और 2013 में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से 3 घंटे तक पूछताछ की। तब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चली कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसी भी सूरत में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को जेल भेजना चाहती है। तब नरेंद्र मोदी ने सीबीआई को कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बता दिया था।
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