न्यामुद्दीन, अनूपपुर। जिले के नर्मदा उद्गम पवित्र नगरी अमरकंटक में आज सोमवार और कल मंगलवार को मां नर्मदा जयंती मनाई जा रही है। आज जंयती की शुरुआत शोभा यात्रा से हुई। गाजे बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा में संत महात्माओं के साथ साथ कई हजार श्रद्धलु शामिल रहे। शोभा यात्रा सुबह मंदिर प्रांगण से अमरकंटक में मां नर्मदे तक निकली। इस दौरान जगह-जगह लोगों के द्वारा नर्मदा माई की पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई।

वहीं कल 8 फरवरी को नर्मदा जन्मोत्सव एवं निर्झरिणी महोत्सव के तहत हवन अपरान्ह 3 बजे से, शाम 7 बजे से नर्मदा की महाआरती, संतों का सम्मान, सांस्कृतिक संध्या होगी। संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा विशेेष रूप से तैयार रामायण में वर्णित वनवासी चरितों पर आधारित लीला नाट्य प्रस्तुति निसादराज गुहा, गोंड जनजाति करमा एवं शैला नृत्य, बैगा जनजाति परधोनी व करमा नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 8 फरवरी को सुबह 10 बजे से चित्र प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। निसादराज गुह लीला नाट्य आधारित चेरियाल पटम चित्र शैली में सृजित 25 चित्रों की प्रदर्शनी, गोंड समुदाय में नर्मदा की कथा आधारित 25 गोंड जनजातीय चित्रकारों की चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

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इमरान खान, खंडवा। मां नर्मदा और आदि गुरु शंकराचार्य का हजारों वर्ष पुराना रिश्ता रहा है। मां नर्मदा के तट पर बैठकर ही तपस्या किया करते थे। इसी मां नर्मदा के तट के पास ओंकार पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने जा रही है।
ओंकारेश्वर-एक ऐसी तीर्थनगरी जहां भगवान शिव अपनी ही मानस पुत्री मां नर्मदा के तट विराजमान हैं। हजारों वर्ष पहले इसी नर्मदा तट के पास आदि गुरु शंकराचार्य ने महज 8 वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण किया था। कहा जाता है कि एक बार नर्मदा में बाढ़ आया हुआ था। उनके गुरु गोविंद भागवत पाद ध्यान अवस्था में थे। बाढ़ का पानी जब गुरु की गुफा की और बढ़ रहा था तब शंकराचार्य ने अपने कमंडल में नर्मदा को समाहित कर नर्मदा के वेग को रोक लिया था। शंकराचार्य की इसी प्रतिभा को देख गोविंद पाद ने उन्हें अपना शिष्य बनाते हुए दीक्षा दी। यहीं पर उन्हें एकात्म दर्शन का ज्ञान हुआ था।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसी नर्मदा के तट पर स्थित ओंकार पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित करने जा रही है। इसको लेकर ओंकारेश्वर में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। करीब दो हजार करोड़ की लागत से प्रतिमा स्थापना के साथ-साथ यहां गुरुकुल की भी स्थापना की जायेगी। इस प्रतिमा को स्टेच्यू ऑफ वननेस का नाम दिया गया है। कलात्मक शैली में इस प्रतिमा और वननेस सेंटर को तैयार किया जाएगा। जानकारी अनूप कुमार सिंह, कलेक्टर खंडवा ने दी।

समीर शेख स्थान बड़वानी। जीवनदायिनी मां नर्मदा का जन्मोत्सव शहर के समीप रोहिणी तीर्थ पर उल्लास पूर्वक मनाया गया। इस दौरान श्री 108 राम बाबा के सानिध्य में मां नर्मदा को 1100 मीटर चुनरी अर्पण की गई। इस मौके पर गाय के दूध से अभिषेक किया गया। मां नर्मदा की सामूहिक आरती हुई। इसके बाद कन्या भोजन और विशाल प्रसादी भंडारे की शुरुआत हुई। जानकारी राम बाबा त्यागी (नर्मदा भक्त) ने दी।

दीपक कौरव नरसिंहपुर। नर्मदा जयंती पर नरसिंहपुर के बरमान घाट में जन सैलाब उमड़ा। मां नर्मदा के भक्तों की कतार ही दिखाई देती रही। जहां लोग पैदल यात्रा कर नर्मदा मां की भक्ति कर रहे है वहीं लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा के पवित्र ब्रम्हाण घाट पहुंचकर पूजन अर्चना की। शाम को तट पर श्रद्धालु दीपदान करेंगे। यहां दूर दूर से नर्मदा भक्त चुनरी लेकर पदयात्रा कर नर्मदा तट पहुंचे।

प्रभारी मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह होंगे शामिल
मनोज सिंह ठाकुर,होशंगाबाद। खनिज साधन व श्रम विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह मंगलवार को नर्मदापुरम आएंगे। वे 8 फरवरी को दोपहर 2.30 बजे भोपाल से प्रस्थान कर शाम 4 बजे नर्मदापुरम पहुंचेंगे। यहां सेठानी घाट पर आयोजित नर्मदा जयंती महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल होंगे।